लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में घटिया पीपीई किट की आपूर्ति की शिकायत संबंधी पत्र के लीक होने के मामले पर सोमवार को राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या चिकित्साकर्मियों के लिए खराब गुणवत्ता वाले निजी सुरक्षा उपकरण की आपूर्ति करने के दोषियों पर कार्रवाई होगी।

उन्होंने यह दावा भी किया कि उत्तर प्रदेश सरकार को पीपीई किट से जुड़ा ‘घोटाला’ परेशान नहीं कर रहा है, बल्कि वह इससे संबंधित खबर बाहर आने से परेशान है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका ने शिकायती पत्र के लीक होने की एसटीएफ जांच के आदेश संबंधी सरकारी बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश के कई सारे मेडिकल कालेजों में खराब पीपीई किट दी गई थीं। ये तो अच्छा हुआ सही समय पर वो पकड़ में आ गईं तो वापस हो गईं और हमारे योद्धा चिकित्सकों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हुआ।

उन्होंने दावा किया, हैरानी की बात ये है कि यूपी सरकार को ये घोटाला परेशान नहीं कर रहा है बल्कि ..ये परेशान कर रहा है कि खराब किट की खबर बाहर कैसे आ गई। ये तो अच्छा हुआ कि खबर बाहर आ गई वरना खराब किट का मामला पकड़ा ही नहीं जाता और ऐसे ही रफा-दफा हो जाता। उन्होंने सवाल किया कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी?

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए कथित तौर पर खराब गुणवत्ता के निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट की आपूर्ति के मामले में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) के पत्र के लीक होने की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी है। खबरों के मुताबिक पिछले दिनों घटिया पीपीई किट की आपूर्ति को लेकर मेरठ और नोएडा के मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा केके गुप्ता को पत्र लिखे थे। पत्रों में पीपीई किट के खराब होने और आकार में छोटे होने की शिकायत की गई थी।

मेरठ समेत कई मेडिकल कॉलेज ने पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। इन किट की खरीद यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने की थी। कई अस्पतालों ने डीजीएमई को पीपीई किट को लेकर पत्र लिखा था। पीपीई किट पर सवाल उठाने वाला पत्र लीक हुआ था। इस मामले में डीजीएमई समेत कई अफसरों से एसटीएफ ने पूछताछ शुरू की है।

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