अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited) को लेकर लगे आरोपों को लेकर कंपनी ने बयान जारी किया है। अडानी समूह (Adani Group) के प्रवक्ता ने जारी अधिकारिक बयान में कहा कि, अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है।

जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है, “अभियोग में लगाए गए आरोप आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाता है।“ सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे।

अडानी समूह ने हमेशा अपने संचालन के सभी अधिकार क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और विनियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।

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अमेरिका में अपने निवेशकों को धोखा देने के आरोप लगे हैं

यहां बताना होगा कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अपने निवेशकों को धोखा देने के आरोप लगे हैं। अडानी पर अमेरिका में अपनी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर या करीब 2236 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगा है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा है।

अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही 7 अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। अधिकारियों को ये रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप लगाया गया है।

 

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