केंद्र सरकार जल्दी ही नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (National Critical Mineral Mission) को लॉन्च करने का ऐलान कर सकती है। देश की एनर्जी सिक्योरिटी और स्टोरेज को लेकर केंद्र सरकार ने इस स्ट्रैटेजिक मिशन को लॉन्च करने की तैयारी की है‌।

बताया जा रहा है कि इस मिशन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और अब इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाना है।

कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को लांच कर दिया जाएगा। ये मिशन 6 साल की अवधि के लिए शुरू किया जाएगा। इस मिशन की शुरुआत होने से इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट को जबरदस्त बूस्ट मिलने की उम्मीद की जा रही है।

केंद्र सरकार की ओर से लॉन्च किए जाने वाले नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के लिए प्राथमिक तौर पर 30 हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इस मिशन के तहत केंद्र सरकार लिथियम, कोबाल्ट और निकेल जैसे क्रिटिकल मिनरल्स के लिए इंसेंटिव दे सकती है।

इसके साथ ही इसमें बैट्री रीसाइकलिंग के लिए भी इंसेंटिव देने का प्रावधान किया जा सकता है। नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का ऐलान इसी साल बजट में किया गया था। दावा किया जा रहा है कि इस मिशन में भारत के क्रिटिकल मिनरल्स इकोसिस्टम को चौतरफा समाधान (360 डिग्री सॉल्यूशन) उपलब्ध करने की कोशिश की गई है।

नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन क्या है

बताया जा रहा है कि नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन के तहत देश में और दूसरे सहयोगी देशों में लिथियम, कोबाल्ट और निकेल जैसे क्रिटिकल मिनरल्स की खोज और माइनिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही इन क्रिटिकल मिनरल्स की प्रोसेसिंग की कैपेसिटी को डेवलप करने के लिए अलग से इंसेंटिव देने का ऐलान भी किया जा सकता है। इस मिशन के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट में बैट्री रीसाइक्लिंग की बात को काफी महत्ता दी गई है। ड्राफ्ट में बताया गया है कि बैटरी में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी मिनरल्स की रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी कोई स्कीम भी लाई जा सकती है।

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