एनटीपीसी केरेडारी कोयला खनन परियोजना ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। परियोजना की 100वीं कोयला रेक को टोरी रेलवे साइडिंग से सफलतापूर्वक रवाना किया गया। यह उपलब्धि एनटीपीसी के कोयला खनन क्षेत्र में तेजी से बढ़ते योगदान को दर्शाती है और देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत बना रही है।
इस अवसर पर केरेडारी परियोजना के प्रमुख श्री शिव प्रसाद ने कर्मचारियों और अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने इस सफलता के लिए पूरे टीम को बधाई देते हुए कहा, “यह केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि हमारे सामूहिक प्रयास, टीम वर्क और समर्पण का प्रतीक है। इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि हमारी परियोजना देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में एक मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रही है।”
मार्च में शुरू हुआ सफर, आज 11 लाख टन कोयला प्रेषण
केरेडारी परियोजना ने मार्च 2024 में कोयला प्रेषण की शुरुआत की थी। मात्र 10 महीनों के भीतर परियोजना ने कुल 11 लाख टन कोयला प्रेषण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया। इनमें से 4 लाख टन कोयला टोरी रेलवे साइडिंग के माध्यम से भेजा गया है। इस उपलब्धि ने न केवल एनटीपीसी के परिचालन को मजबूती दी है, बल्कि झारखंड के कोयला खनन क्षेत्र को भी नई पहचान दिलाई है।
स्थानीय विकास और रोजगार को मिला बढ़ावा
इस परियोजना के संचालन ने न केवल कोयला उत्पादन और प्रेषण को बढ़ावा दिया है, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न किए हैं। खनन और परिवहन गतिविधियों के कारण स्थानीय समुदायों को लाभ हुआ है। परियोजना के माध्यम से क्षेत्र में सड़क, पानी और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ है।
एनटीपीसी के कोयला खनन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। केरेडारी परियोजना, जो एनटीपीसी की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है, ने कम समय में अपनी क्षमता साबित की है। परियोजना से उत्पादित कोयला एनटीपीसी के विभिन्न पावर प्लांट्स को बिजली उत्पादन के लिए भेजा जाता है, जिससे देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी होती हैं।
एनटीपीसी केरेडारी परियोजना ने अपने संचालन के दौरान कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इस परियोजना को विभिन्न पुरस्कारों के लिए भी नामित किया गया है, जिसमें सीएसआर, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किए गए कार्य शामिल हैं। इस सफलता का श्रेय परियोजना की समर्पित टीम और प्रभावी प्रबंधन को जाता है। सभी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने मिलकर काम किया और हर चुनौती को अवसर में बदला।
केरेडारी कोयला खनन परियोजना का यह मील का पत्थर एनटीपीसी की उन योजनाओं को गति देता है, जो भारत को ऊर्जा उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने एनटीपीसी के संकल्प और सफलता की कहानी में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है।