कोलकाता, 08 दिसम्बर। बुधवार को कोयला खान भविष्य निधि संस्थान (CMPFO) से संबंधित पेंशन फंड की मजबूती के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की चौथी बैठक सीआईएल (CIL) मुख्यालय में आयोजित हुई।
जानकारी के अनुसार इस बैठक में वालेंटियरी कंट्रीब्यूशन में बढ़ोतरी को लेकर चर्चा की गई। कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा वर्तमान में प्रति टन कोयले पर 10 रुपए का अंशदान कोयला खान भविष्य निधि संस्थान को दिया जा रहा है। पेंशन फंड की मजबूती के लिए सीआईएल का वालेंटियरी कंट्रीब्यूशन यदि 25 रुपए प्रति टन की वृद्धि की जाती है तो वर्ष 2036- 38 तक पेंशन फंड मजबूत रहेगा। सीआईएल के अंशदान को 35 से 40 रुपए प्रति टन करने को लेकर भी चर्चा की गई। यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि वालेंटियरी कंट्रीब्यूशन में बढ़ोतरी का निर्णय एक बार ले लिया जाए। सीएमपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में इस पर अंतिम निर्णय होगा।
बुधवार की बैठक में सीआईएल के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन उपस्थित नहीं हुए। इस बैठक में भी समिति एवं ट्रस्टी बोर्ड सदस्य बीएमएस नेता के. लक्ष्मा रेड्डी सम्मिलित नहीं हुए। अन्य यूनियन के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
यहां बताना होगा कि 26 दिसम्बर, 2024 को हुई बैठक में कहा गया था कि पेंशन के भुगतान की जिम्मेदारी नियोक्ता की है। यानी पेंशन फंड की मजबूती के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और सिंगरेनी कोलयरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) द्वारा ही राशि जारी की जाएगी। बैठक में यह भी सहमित बनी कि पेंशन में किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं होगी।
जून में हुआ था समिति का गठन
यहां बताना होगा कि पेंशन फंड की मजबूती के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन इसी साल जून में किया गया था। समिति के पहली बैठक एक जुलाई, 2024 को हुई थी। समिति में यूनियन प्रतिनिधि के तौर पर केवल सीटू नेता डीडी रामनंदन को सम्मिलित किया गया था। श्री रामनंदन के अनुरोध पर समिति में एचएमएस, बीएमएस, एटक के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया। इसके बाद 30 सितम्बर, 2024 को नई दिल्ली में इसकी बैठक हुई। तीसरी बैठक 26 दिसम्बर, 2024 को आयोजित की गई।