नई दिल्ली, 04 फरवरी। केन्द्र सरकार ने कोयला खानों (Coal Mines) के बंद होने से कोयला खनन क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कोई अध्ययन नहीं कराया है।

यह जानकारी राज्यसभा में कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने दी। इस संदर्भ में सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल किया था।

कोयला मंत्री ने यह भी बताया कि किसी खान के बंद होने के समय उसमें तैनात कर्मचारियों को उनके लाभप्रद उपयोग के लिए आवश्यकता के अनुसार अन्य खानों/क्षेत्रों/सहायक कंपनियों में स्थानांतरित किया जाता है। इसके अलावा, महिलाओं सहित निकटवर्ती आबादी के आर्थिक निर्वहन, जो अप्रत्यक्ष रूप से खनन और संबद्ध कार्यकलापों पर निर्भर है, के लिए, कोयला कंपनियों द्वारा और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यकलापों के तहत भी विभिन्न उद्यमिता विकास गतिविधिया और कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं।

 

  • Website Designing