नई दिल्ली, 24 फरवरी। कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) अधिनियम में बदलाव होगा। इसके लिए एक प्रारंभिक मसौदा तैयार किया गया है।
जानकारी के अनुसार प्रारंभिक मसौदे को लेकर कोलकाता स्थित कोल इंडिया लिमिटेड मुख्यालय में बैठक हुई थी। इसमें सीआईएल की अनुषांगिक कंपनियों के निदेशक कार्मिकों से मसौदे को लेकर चर्चा की और सुझाव लिए गए। बताया गया है कि ईपीएफओ की तर्ज पर भुगतान आदि प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव आया है।
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इस बैठक में ठेका श्रमिकों के सीएमपीएफ क्लेम संबंधी विषय पर चर्चा की गई। कोल सेक्टर की ठेका कंपनियों द्वारा समय पर क्लेम प्रस्तुत नहीं करने पर श्रमिकों को किए जाने वाले भुगतान में दिक्कत होती है। जबकि ईपीएफओ में यह कार्य ऑनलाइन तरीके से हो जाता है।
पेंशन मुद्दे को लेकर भी चर्चा किया जाना बताया गया है। बताया जा रहा है सीएमपीएफओ एक्ट में बदलाव वाले ड्राफ्ट पर श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भी राय ली जाएगी।
इस संदर्भ में कैप्टिव, कॉमर्शियल एवं प्राइवेट कोयला कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की गई है। जानकारी के अनुसार एक्ट में संशोधन के लिए मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के सेवानिवृत्त एडिशनल सेक्रेटरी के नेतृत्व में रूपरेखा तय की जा रही है।
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यहां बताना होगा कि कोयला खान भविष्य निधि संगठन कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948 के तहत की गई है। सीएमपीएफ विशेष रूप से कोयला खदान श्रमिकों के लिए एक भविष्य निधि है। सीएमपीएफ का उद्देश्य कोयला खदान श्रमिकों को वित्तीय सुरक्षा और सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करना है।