रायपुर, 27 मार्च। गुरुवार को सांसद बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) ने माइन रिक्लेमेशन (खान पुनर्ग्रहण- coal mine reclamation) को मुद्दा संसद में जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसी सौ खदानें हैं जो कोयला, लौह अयस्क सहित अन्य खनिज के उत्खनन के बाद बगैर भराव किए छोड़ दी गई हैं। ऐसी खदानें दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है, लेकिन खनन कार्य समाप्त होने के बाद खदानों को यूं ही छोड़ दिया जाता है। यह न केवल पर्यावरण के लिए गंभीर संकट पैदा करता है, बल्कि स्थानीय जनजीवन और पशुधन के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है। ऐसी लापरवाही से पर्यावरण असंतुलन, जल प्रदूषण, भू-धंसान और स्वास्थ्य संकट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

सांसद ने सदन को बताया कि ऐसी ही एक खदान में सवारी बस के गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। उत्खनन के बाद खुली छोड़ दी गई खदानों रिक्लेमेशन कर इस राज्य सरकार को सौंपा जाना चाहिए, ताकि इस भूमि का उचित उपयोग किया जा सके।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि कोयला एवं खान मंत्री इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेते हुए जल्द ही ठोस और प्रभावी कदम उठाएंगे। देखें वीडियो :

 

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