नई दिल्ली, 28 मार्च। 9.4.0 के मामले में कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी (Coal Minister G Kishan Reddy) घिर गए हैं। दरअसल कोयला मंत्री द्वारा राज्यसभा सांसद संजय सिंह को 9.4.0 संदर्भ में लिखे पत्र में शब्द उनके नहीं कोल इंडिया प्रबंधन के हैं। यहां कहा जा सकता है कि सीआईएल (CIL) ने अपने ही मंत्री को गुमराह करने का काम किया है।

इसे भी पढ़ें : कोयला मंत्री के पत्र में खुलासा, 9.4.0 को फिर लागू से नहीं करने यूनियन नेताओं ने दी है सहमति

दो दिनों से कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी के उस पत्र की जमकर चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि, एनसीडब्ल्यूए के खंड 9.4.0 के कार्यान्वयन के मामले पर 27.06.2024 को सीआईएल की शीर्ष संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें सीआईएल/सहायक कंपनियों के प्रबंधन और कोयला उद्योग में कार्यरत केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल थे। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्थायी रूप से विकलांग कर्मचारी के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के लिए एनसीडब्ल्यूए के खंड 9.4.0 को पुनः लागू करना संभव नहीं है।

इस पत्र के सार्वजनिक होने के बाद से कोयला कामगारों और यूनियन के बीच हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल कोयला मंत्री द्वारा पत्र में उल्लेखित शब्द कोल इंडिया प्रबंधन के हैं। पत्र में 27.06.2024 को आयोजित हुई एपेक्स कमेटी की बैठक का हवाला दिया गया है। इस कमेटी के मिनट्स में सीआईएल चेयरमैन का कथन कोट है कि, स्थायी रूप से विकलांग कर्मचारी के आश्रित को रोजगार देने के लिए NCWA के खंड 9.4.0 को फिर से शुरू करना संभव नहीं है। हालांकि, “सीआईएल और एससीसीएल के लिए 10वें वेतन समझौते“ के बाद से जारी वेतन समझौते के खंड 6.5.2 के तहत, निर्दिष्ट बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों को तब तक वेतन का 50 प्रतिशत दिया जाता रहेगा, जब तक कि उन्हें चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित नहीं कर दिया जाता।

इसे भी पढ़ें : कमॅर्शियल कोल माइनिंग : 12वें दौर का शुभारंभ, कोयला मंत्री बोले- हर नीलामी से रोज़गार को बढ़ावा मिल रहा

चेयरमैन के कथन को ही कोयला मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेखित किया है। जबकि 27.06.2024 की बैठक में चेयरमैन के 9.4.0 को लेकर दिए गए कथन का यूनियन ने पुरजोर विरोध किया था। चेयरमैन की बातों से किसी भी यूनियन लीडर ने सहमति नहीं जताई थी। उक्त बैठक के मिनट्स में सहमति और असहमति जैसे शब्दों का कहीं उल्लेख नहीं है।

अब सवाल उठता है कोयला मंत्री ने अपने पत्र में यह क्यों लिखा कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्थायी रूप से विकलांग कर्मचारी के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के लिए NCWA के खंड 9.4.0 को पुनः लागू करना संभव नहीं है।

इसे भी पढ़ें : 9.4.0 : सीटू के रामनंदन और एचएमएस नेता नाथूलाल बोले- कोयला मंत्री गलत तथ्य पेश कर रहे

दिसम्बर 2024 में मंत्री ने संसद में यह कहा था

2 दिसम्बर, 2024 को संसद सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मेडिकल अनफिट के मुद्दे पर सवाल किया था। उस दौरान कोयला मंत्री ने कहा था कि, सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियों के किसी भी कर्मचारी को 2018 से आयोजित शीर्ष चिकित्सा बोर्ड में चिकित्सकीय रूप से अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। यानी दिसम्बर 2024 में कोयला मंत्री ने 9.4.0 को लेकर कुछ कहा और तीन माह बाद मार्च 2025 में इसके विपरीत बातें कहीं।

  • Website Designing