नई दिल्ली, 17 अप्रेल। सीएमपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (BOT) की 184वीं बैठक गुरुवार को नई दिल्ली में होने जा रही है। इधर, सीएमपीएफओ के 727.67 करोड़ रुपए जिस कंपनी यानी DHFL में डूबे हैं, उसका नाम लेने से बीएमएस के कोल प्रभारी अब परहेज करने लगे हैं।
17 अप्रेल को हो रही सीएमपीएफओ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक को लेकर ABKMS के मीडिया सेल के प्रभारी यदागिरी सतैया ने एक वक्तव्य जारी किया।
इसमें बताया किया कि, सीएमपीएफ ट्रस्ट बोर्ड की बैठक 17.04.2025 को नई दिल्ली में होगी। इस बैठक में बीएमएस की ओर से लक्ष्मा रेड्डी कोठा कापू और आशीष मूर्ति भाग ले रहे हैं। इस बैठक में सीएमपीएफ में भ्रष्टाचार और अनियमितता, न्यूनतम पेंशन 5000 रुपये का भुगतान, सभी को मौजूदा न्यूनतम पेंशन का भुगतान, सीएमपीएफ को ऑनलाइन करना, संशोधित पीपीओ, पेंशन फंड में वृद्धि और स्थिरीकरण, पेंशन फंड के लिए धन, ठेका श्रमिकों के लिए सीएमपीएफ का अनिवार्य आवेदन, फंड के दुरुपयोग के मुद्दे, सीएमपीएफ अधिकारियों की लापरवाही और अन्य मुद्दों को बीएमएस प्रतिनिधियों द्वारा उठाया जाएगा।
इस प्रेस रिलीज में सीएमपीएफ में भ्रष्टाचार की बात तो कही गई है, लेकिन डीएचएफएल का जिक्र नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि ऊपर सख्त निर्देश आया है कि डीएचएफएल का जिक्र नहीं करना है। सूत्रों की मानें तो इसके तार मौजूदा केन्द्र सरका के कुछेक केन्द्रीय मंत्री तक जुड़े हुए हैं। ऊपर के दबाव की वजह से बीएमएस और ABKMS के नेता डीएचएफएल के इस्तेमाल से अब परहेज करने लगे हैं। पिछले दिनों कोल सचिव को सौंपे गए ज्ञापन में भी इसका जिक्र नहीं किया गया था।
यहां बताना होगा 2014-15 में कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन (DHFL) में 1390 करोड़ निवेश किया। इसमें 662.58 करोड़ वापस हुए और 727.67 करोड़ रुपए डूब गए। इस बारे में कैग (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा। इसके बावजूद कोयला मजदूरों के मेहनत की गाढ़ी कमाई डुबाने वाले सीएमपीएफओ के अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।