K Lakshma Reddy
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नई दिल्ली, 18 अप्रेल। सीएफपीएफओ (CMPFO) के डीएचएफएल (DHFL) में डूबे 727.67 करोड़ रुपए को लेकर सीबीआई जांच की मांग करने वाले बीएमएस के कोल प्रभारी ने अब इस मुद्दे से दरकिनार कर लिया है।

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भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी के एजेंडे से अब यह मुद्दा विलोपित हो गया है। गुरुवार को सीएमपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (BOT) की बैठक में भी श्री रेड्डी इस मसले पर खामोश रहे।

बीएमएस के कोल प्रभारी अब अपने करीबी आशीष मूर्ति को इन्वेस्टमेंट सब कमेटी में जगह दिलाने की जुगत में लगे हैं। बताया गया है कि लक्ष्मा रेड्डी ने इन्वेस्टमेंट सब कमेटी में आशीष मूर्ति को शामिल करने के लिए कोयला मंत्री को पत्र लिखा था। मंत्री ने उक्त पत्र को बगैर किसी रिमार्क के कोल सचिव को भेज दिया। कोल सचिव ने पत्र को बीओटी का थमा दिया।

गुरुवार को नई दिल्ली में हुई सीएमपीएफओ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (बीओटी) की 184वीं बैठक में इस पर चर्चा हुई। एटक के रमेंद्र कुमार ने कहा इन्वेस्टमेंट सब कमेटी में एचएमएस के राकेश कुमार हैं, इस कमेटी के सदस्यों का कार्यकाल क्या है? इस पर कहा गया कि कार्यकाल तय नहीं है। सीटू के डीडी रामनन्दन ने कहा कि इन्वेस्टमेंट सब कमेटी में सभी यूनियन के प्रतिनिधि रहेंगे, लेकिन इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी।

इधर, बीओटी की 184वीं बैठक की अध्यक्षता कोल सचिव विक्रम देव दत्त ने की। बैठक में सीएमपीएफओ के कमिश्नर विजय कुमार मिश्रा, एडिशनल सेक्रेटरी रुपिंदर बरार, एडिशनल सेक्रेटरी सह वित्तीय सलाहकार निरुपमा कोटरू, डीडीजी संतोष, डीडी रामनन्दन (सीटू), राकेश कुमार (एचएमएस), केएल रेड्डी, आशीष मूर्ति (बीएमएस), डीएन सिंह (सीएमओएआई) आदि उपस्थित रहे।

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बैठक में फंड मैनेजर के रूप पर एसबीआई और यूटीआई के चयन पर मुहर लगी। दोनों फंड मैनेजर 50- 50 प्रतिशत निवेश करेंगे। बैठक में यूपीएस और एनपीएस पर भी चर्चा हुई।

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