विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक का कहना है कि कोविड-19 महीमारी को नियंत्रित करने में चार से पांच साल का समय लग सकता है। मगर उम्मीद है कि एक प्रभावी टीके से वायरस का अंत हो सकता है। वहीं अन्य विशेषज्ञों ने वायरस पर अंकुश लगाने की तारीखों की अपेक्षाओं को कम कर दिया है।

पूरी दुनिया में अब तक वायरस की वजह से संक्रमितों की संख्या 4.3 मिलियन पर पहुंच गई है जबकि तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने एक डिजिटल कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं कहना चाहती हूं कि चार से पांच सालों के अंदर हम इसे नियंत्रित कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रभावशाली कारकों में यह देखना होगा कि क्या वायरस मैच्योर (परिपक्व) होता है। इसके अलावा रोकथाम और वैक्सीन विकास के उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसका टीका बनाना सबसे बेहतरीन उपाय है लेकिन इसकी सुरक्षा, प्रभाव, उत्पादन और समान वितरण को लेकर बहुत सारे किंतु, परंतु हैं।

डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन सेवा कार्यक्रमों के प्रमुख डॉक्टर माइक रायन से जब टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता है कि यह बीमारी कब खत्म होगी। हालांकि उन्होंने बिना पर्याप्त सर्विलांस उपायों के लॉकडाउन के नियमों में छूट देने को लेकर चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि लॉकडाउन हटने के बाद लोगों की मौत में इजाफा न हो। हमारे सामने एक नया वायरस है जो लोगों के अदंर पहली बार प्रवेश कर रहा है और इसलिए यह अनुमान लगाना बहुत कठिन है कि हम कब उस पर हावी हो पाएंगे। यह वायरस कभी भी जाने वाला नहीं है।’

डॉक्टर माइक ने कहा कि एचआईवी कहीं नहीं गया। हम इस वायरस के साथ रह रहे हैं और हमने इसके लिए थेरेपी और इसके बचाव के उपाय ढूंढे और अब लोग पहले की तरह इससे डरते नहीं हैं। हम अब एचआईवी मरीजों को स्वस्थ और लंबी जिंदगी दे पा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह बता सकता है कि यह बीमारी कब खत्म होगी।

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