सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड और उनके निदेशकों पर कथित तौर पर 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो का कहना है कि एबीजी शिपयार्ड और उनके डायरेक्टर्स ऋषि अग्रवाल, संथनम मुथुस्वामी और अश्विनी अग्रवाल ने बैंकों से 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की है.
एबीजी शिपयार्ड और उसकी फ्लैगशिप कंपनी जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत का कारोबार करती है. शिपयार्ड्स गुजरात के दाहेज और सूरत में स्थित हैं.
सबीआई की शिकायत के अनुसार, कंपनी ने उससे 2925 करोड़ रुपये कर्ज लिया था. जबकि आईसीआईसीआई से 7089 करोड़, आईडीबीआई से 3634 करोड़ से, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1614 करोड़, पीएनबी से 1244 करोड़ और आईओबी से 1228 करोड़ रुपये का बकाया है.
अर्नेस्ट एंड यंग की 18 जनवरी 2019 को सौंपी गई फोरेंसिक रिपोर्ट के ऑडिट (अप्रैल 2012 से जुलाई 2017) से पता चलता है कि आरोपियों ने साजिश रची और पैसे का दूसरी जगह स्थानांतरण, अनियमितता किया और आपराधिक साजिश की.
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में यह कहा गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि यह धोखाधड़ी फंड के डायवर्जन, वित्तीय अनियमितता और बैंक के फंड की कीमत पर गैरकानूनी गतिविधियों के जरिये की गई.
CBI ने ABG शिपयार्ड और उसके निदेशकों के ख़िलाफ 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। कंपनी जहाज़ निर्माण और जहाज़ की मरम्मत में लगी हुई है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं: CBI अधिकारी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2022
सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunch) पर Follow करें …