नागपुर, 25 फरवरी। भारतीय मजदूर संघ (BMS) से सम्बद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKKMS) का 18वां त्रैवार्षिक अधिवेशन नागपुर में चल रहा है।
अधिवेशन को केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। श्री जोशी ने कहा कि हमारा कोल सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, तो हमारे श्रमिक साथी इस कोल सेक्टर की नींव हैं।
कोयला श्रमिकों ने देश के कोल सेक्टर ने कोरोना महामारी के दौरान भी भारत को अंधेरे में नहीं डूबने दिया। जब पूरे देश को लॉकडाउन में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, तब हमारे कोल वारियर्स ने अपने त्याग, लगन और समर्पण से देश के पॉवर सेक्टर को कोयले की कोई कमी नहीं होने दी।
कोयला मंत्री ने कहा कि देश की प्रगति में कोयले की सबसे ज्यादा जरूरत है। 2070 तक कोयले का कोई विकल्प नहीं है। केन्द्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि संगठन को कामगारों की समस्याओं के समाधान के लिए बैठक हेतु आमंत्रित किया जाएगा।
अधिवेशन में बीएमएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या, आरएसएस के रविंद्र जोशी, बीएमएस के कोल सेक्टर प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी, बीएमएस के मंत्री सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय, बीएमएस विदर्भ की अध्यक्ष शिल्पाताई देशपांडे, अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार सिंह, महामंत्री सुधीर घुरडे आदि की उपस्थिति है।
अधिवेशन में इन विषयों पर हो रही चर्चा :
- कोयला उद्योग की स्थिति
- विदेशी कोल
- कोयला श्रमिकों का वेतनमान
- कमर्शियल माइनिंग
- लेबर कोड
- प्रदूषण एवं पर्यावरण
- कोल उद्योग का निजीकरण
- घाटे के नाम पर बंद की जा रही भूमिगत खदान
- कोयला उद्योग में ठेका मजदूरों की स्थिति
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