अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने 1,700 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज मूल्य पर ओशन स्पार्कल के अधिग्रहण की घोषणा की है। इसके साथ ही कंपनी का शेयर आज करीब 3 फीसदी चढ़ गया। ओशन स्पार्कल तीसरे पक्ष की समुद्री सेवाएं प्रदान करने वाली प्रमुख कंपनी है।
ओशन स्पार्कल टॉवेज, पायलटेज और ड्रेजिंग क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है। उसके पास खुद के स्वामित्व वाले 94 जहाज और तीसरे पक्ष के स्वामित्व वाले 13 जहाह हैं। कंपनी के पास 300 करोड़ रुपये की मुक्त नकदी उपलब्ध है। इसकी स्थापना चेयरमैन पी जयराज कुमार ने 1995 में समुद्री तकनीकीविदों के साथ की थी। कुमार ओएसएल बोर्ड में चेयरमैन पद पर बरकरार रहेंगे।
योजना के अनुसार, ओशन स्पार्कल में 75.69 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए अदाणी पोट्र्स की सहायक इकाई द अदाणी हार्बर सर्विसेज (टीएएचएसएल) ने ओएसएल के प्रवर्तकों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सौदा 1,135 करोड़ रुपये में हुआ है। इसके तहत ओएसएल में सवि जन सी फूड्स प्राइवेट की पूरी 24.31 फीसदी हिस्सेदारी 395 करोड़ रुपये में खरीदी जाएगी।
बंदरगाह एवं समुद्री क्षेत्र में अग्रणी स्थिति हासिल करने के लिए कंपनी ने पिछले पांच साल के दौरान भारत में कई बंदरगाहों का अधिग्रहण किया है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान समूह ने गंगावरम और कृष्णापत्तनम बंदरगाहों का अधिग्रहण किया।
एपीएसईजेड के पूर्णकालिक निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी करण अदणी ने कहा, ‘ओएसएल और अदाणी हार्बर सर्विसेज के तालमेल को देखते हुए ऐसा लगता है कि समेकित कारोबार अगले पांच साल में दोगुना हो जाएगा और मार्जिन में सुधार होगा। इससे एपीएसईजेड के शेयरधारकों के लिए उल्लेखनीय मूल्य सृजित होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इस अधिग्रहण से एपीएसईजेड को भारत के समुद्री क्षेत्र में न केवल उल्लेखनीय हिस्सेदारी हासिल होगी बल्कि अन्य देशों में अपनी मौजूदी दिखाने के लिए एक प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध होगा। इस प्रकार 2030 तक वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा बंदरगाह ऑपरेटर बनने और भारत में सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन यूटिलिटी के लिए एपीएसईजेड के सफर को रफ्तार मिलेगी।’
ओएसएल का अपने मौजूदा ग्राहकों के साथ पुराना संबंध रहा है और उनके साथ अनुबंधों की समयावधि 5 से 20 वर्षों तक की है। कंपनी की देश में 15 छोटे बंदरगाहों और 3 एलएनजी टर्मिनल सहित लगभग सभी प्रमुख बंदरगाहों पर मौजूदगी है। कंपनी ने मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 622 करोड़ रुपये का समेकित राजस्व दर्ज किया था।
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