अडाणी समूह की कंपनी ने देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह जेएनपीटी समेत मुंबई के और क्षेत्रों में बिजली वितरण कारोबार के विस्तार के लिये लाइसेंस की मांग की है। शहर के विभिन्न अखबारों में शनिवार को छपे विज्ञापन में अडाणी इलेक्ट्रिसिटी नवी मुंबई (एईएनएम) ने कहा कि उसने सूचीबद्ध मूल कंपनी अडाणी ट्रांसमिशन के साथ मुंबई महानगर के कुछ क्षेत्रों में वितरण लाइसेंस को लेकर महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग (एमईआरसी) से संपर्क किया है।

कंपनी का लक्ष्य मुंबई के उपनगरों मुलुंड और भांडुप के अलावा ठाणे जिले, नवी मुंबई, पनवेल, खारघर, तलोजा और उरण में बिजली वितरित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना है। फिलहाल इन क्षेत्रों में राज्य के स्वामित्व वाली महाडिस्कोम बिजली वितरण कर रही है। समूह की नवी मुंबई के पास स्थित देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह जेएनपीटी को भी बिजली वितरित करने पर नजर है। विद्युत अधिनियम 2003 के तहत किसी कंपनी की तरफ से समानांतर यानी पहले से मौजूद कंपनियों के साथ बिजली वितरण को लेकर लाइसेंस के लिये यह पहला आवेदन है।

आवेदन को एमईआरसी ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। उसके बाद सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है। अडाणी इलेक्ट्रिसिटी चार साल से अधिक समय से मुंबई में बिजली का वितरण कर रही है। इस क्षेत्र में कंपनी की प्रतिस्पर्धा टाटा पावर के साथ है। कंपनी ने संकट में फंसे अनिल अंबानी समूह की रिलायंस एनर्जी के 18,000 करोड़ रुपये से अधिक के अधिग्रहण के बाद क्षेत्र में कदम रखा था।

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