नई दिल्ली, 11 मार्च। कोल ब्लॉक्स से मिलने वाली अतिरिक्त लेवी (करारोपण) के भुगतान का मामला एक बार फिर उठा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने 10 मार्च को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान यह विषय रखा। श्री बघेल ने पीएम से अतिरिक्त लेवी के तौर पर केन्द्र द्वारा लिए गए 4170 करोड़ रुपए के भुगतान का अनुरोध किया।
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छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी कोल ब्लॉक्स से मिलने वाली अतिरिक्त लेवी (करारोपण) के भुगतान की मांग की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित सात कोयला खदानों से केन्द्र को 4169.87 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार का कहना है अतिरिक्त लेवी के तौर पर अर्जित की गई इस रॉयल्टी पर उसका हक है न की केन्द्र सरकार का। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा केन्द्र से इस राशि के भुगतान की मांग निरंतर की जा रही है।
राज्य सरकार की इस मांग पर कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि वित्त मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय के परामर्श से केंद्र सरकार या संबंधित राज्य सरकार को मिलने वाली अतिरिक्त लेवी के मुद्दे की जांच की गई है। इस मामले में विधि कार्य विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय से विद्वान अपर सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की राय प्राप्त करने का अनुरोध किया गया था। भारत के विद्वान एएसजी ने राय दी है कि यह राशि राज्य सरकारों को नहीं मिलेगी।
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इधर, इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ सरकार ने उच्चतम न्यायालय में भारत के संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत 2021 की मूल वाद संख्या 5 दायर किया हुआ है।
छत्तीसगढ़ के इन कोल ब्लॉक्स से केन्द्र को मिली है 4169.87 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लेवी :
1. चोटिया (प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड) : 249.06 करोड़
2. गारे पेलमा IV/1 (जेसीपीएल) : 2082.23 करोड़
3. गारे पेलमा IV/2 – IV/3 (जिंदल पॉवर लिमिटेड) : 1185.20 करोड़
4. गारे पेलमा IV/7 (शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लि.) : 142.63 करोड़
5. गारे पेलमा IV/5 (मोनेट इस्पात एवं ऊर्जा लि.) : 252.91 करोड़
6. गारे पेलमा IV/4 (जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज) : 112.35 करोड़
7. परसा पूर्व कांता बसन (आरआरवीयूएन) : 145.49 करोड़