अमेरिका और मिस्र की पांच दिन यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले चरण में कल रात न्यूयॉर्क पहुंचे। न्यूयॉर्क हवाई अड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री का भारतीय समुदाय के लोगों ने नारों के साथ भव्य स्वागत किया। प्रवासी भारतीयों ने होटल पहुंचने पर भी ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के उदघोष के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। कई लोगों ने प्रधानमंत्री से बातचीत की और प्रधानमंत्री से ऑटोग्राफ मांगा।
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले जाने-माने गणित सांख्यिकीयविद, विद्वान और लेखक प्रोफेसर नसीम निकोलस तलेब के साथ मुलाकात की। उन्होंने आम बातचीत में जटिल विचारों और नजाकत को लोकप्रिय बनाने में प्रोफेसर तलेब के योगदान की सराहना की। उन्होंने भारत के बढते स्टार्टअप इको सिस्टम और देश के युवा उद्योमियों की जोखिम लेने की प्रवृत्ति का भी उल्लेख किया। प्रोफेसर तलेब ने कोविड महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए भारत की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने विख्यात बोद्ध विद्वान और लेखक पद्यश्री बॉब थुरमन के साथ भी बातचीत की। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों के समाधान में बोद्धमूल्यों के मार्ग दर्शन पर अपने दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने भारत के बोद्ध दर्शन और भारत द्वारा बोद्ध विरासत सरंक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।
श्री मोदी अमेरिकी निवेशक, लेखक और हेज फंड, ब्रिजवॉटर एसोसिएट के सह-संस्थापक रे. डालियो से भी मिले। उन्होंने आर्थिक वृद्धि, विभिन्न नियमों के अनुपालन और बडी संख्या में कानूनी प्रावधानों के गैर-अपराधिकरण की दिशा में सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों का उल्लेख किया। उन्होंने श्री डालियो को भारत में और निवेश करने के लिए भी आमंत्रित किया। बैठक के बाद श्री डालियो ने कहा कि भारत में आपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत और श्री मोदी ऐसे मोड पर हैं जहां देश में अनेक अवसर सृजित होंगे।
श्री मोदी टैसला मोटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क से भी मिले। श्री मस्क ने कहा कि वह भारत के भविष्य को लेकर उत्सुक हैं और कहा कि भारत में दुनिया के किसी भी अन्य बडे देश से अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वह श्री मोदी के प्रशंसक हैं और उनकी अगले वर्ष भारत यात्रा पर जाने की योजना है। प्रधानमंत्री ने जाने-माने अर्थ शास्त्री और नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पॉल रोमर के साथ भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने आधार और डिजिलॉकर जैसी योजनाओं सहित भारत की समूची डिजिटल यात्रा के बारे में चर्चा की। बातचीत में शहरी विकास के लिए उठाए जा रहे विभिन्न कदमों का भी उल्लेख किया गया।प्रधानमंत्री ने तारा-भौतिकविद् लेखक और विज्ञान प्रसारक नील डी ग्रासे टाइसन से भी मुलाकात की।उन्होंने युवाओं में वैज्ञानिक प्रवृत्ति को बढाने के बारे में बातचीत की। दोनों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति और भारत के विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों के बारे में भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने अमरीका के कृषि, विपणन, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के जाने-माने शिक्षाविदो के साथ भी बातचीत की उनकी बातचीत में भारत की नई शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग और शैक्षिणक आदान-प्रदान की संभावनाओं को बढाने पर जोर दिया गया। शिक्षाविदो ने अपनी अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में अपने दृष्टिकोण और अनुभव को साझा किया।
श्री मोदी का कल वाशिंग्टन में व्हाइट हाउस में पारम्परिक स्वागत किया जाएगा। जहां वे राष्ट्रपति बाइडन के साथ उच्चस्तरीय संवाद करेंगे। अमरीकी राष्ट्रपति और प्रथम महिला शाम को प्रधानमंत्री के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन करेंगी। प्रधानमंत्री अमरीकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। अमरीकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को प्रधानमंत्री के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन करेंगी।
अमरीका यात्रा पर प्रस्थान से पहले श्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा भारत-अमरीका साझेदारी को सुदृढ करने और इसमें विविधता लाने का महत्वपूर्ण अवसर बनेगी। उन्होंने कहा, भारत-अमरीका संबंध बहुआयामी हैं और सभी क्षेत्रों में दोनों देशों का जुड़ाव और गहरा हो रहा है। वस्तुओं और सेवाओं के क्षेत्र में अमरीका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसके अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच निकट सहयोग है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की जा रही पहल से संबंधों में नये आयाम जुडे हैं और रक्षा उद्योग सहयोग, अंतरिक्ष, दूरसंचार, क्वांटम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग का दायरा बढा है।
उन्होंने कहा कि दोनों देश मुक्त, खुले और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र के साझा विजन को आगे बढाने में भी सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन और अमरीका के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी बातचीत से द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने और जी-20, क्वाड और आई पी ई एफ जैसे बहुपक्षीय मंचों में भी सहयोग का दायरा बढाने का अवसर मिलेगा।