हैदराबाद, 01 जुलाई। जेबीसीसीआई की 5वीं बैठक में कोयला कामगारों के वेतन को लेकर बात आगे नहीं बढ़ सकी। सीआईएल (CIL) प्रबंधन तीन फीसदी एमजीबी पर अड़ा रहा। बगैर किसी नतीजे के बैठक खत्म होने के बाद यूनियन ने आगे क्या कदम उठाना है, इसकी रणनीति तैयार की।
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चारों यूनियन बीएमएस, एचएमएस, सीटू, एटक के जेबीसीसीआई सदस्यों ने होटल में ही बैठक की। यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन के रवैये पर आक्रोश जताया।
आपसी चर्चा के बाद यूनियन ने संयुक्त रूप आगे की रणनीति के दो बिंदु तय किए। पहला यह कि 11वें वेतन समझौते को लेकर सीआईएल प्रबंधन के नकारात्मक रवैये से कोयला मंत्री और कोयला सचिव को अवगत कराया जाएगा। वेतन समझौते के मामले में हस्तक्षेप की मांग की जाएगी।
दूसरा बिंदु यह तय हुआ कि कोल इंडिया की सभी अनुषांगिक कंपनियों में कार्यरत कामगारों के बीच जाकर प्रबंधन के रवैये की जानकारी दी जाएगी। कोयला कामगारों के बताया जाएगा कि आंदोलन के रास्ते ही प्रबंधन पर दबाव बनाया जा सकता है।
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इधर, सीटू नेता और जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामानंदन ने कहा कि वेतन समझौते का मुद्दा अब तूल पकड़ेगा। कोयला मंत्री या कोयला सचिव को मामले में हस्तक्षेप करना होगा।
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