नई दिल्ली, 01 जून। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) बोर्ड ने कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसे अब कोयला मंत्रालय को भेजा जाएगा। इधर, 19 फीसदी मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) का लाभ जुलाई से मिलना प्रारंभ हो जाएगा, इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। दरअसल लोक उद्यम विभाग का ऑफिस मेमोरेंडम (OM) अभी भी बाधा बना हुआ है।
यहां बताना होगा कि 19- 20 मई को हुई जेबीसीसीआई की 10वीं बैठक में 11वें वेतन समझौते को पूर्ण रूप दे दिया गया था। नए वेतनमान का लाभ एक जुलाई से मिलने की बात कही गई। हालांकि कोल इंडिया प्रबंधन ने अधिकारिक तौर पर यह नहीं कहा है। 30 मई को सीआईएल बोर्ड ने भी 11वें वेतन समझौते को स्वीकृति प्रदान कर दी है। सीआईएल द्वारा इसे अब कोयला मंत्रालय को भेजा जाएगा।
इधर, कोयला मंत्रालय और सीआईएल दोनों ही डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (DPE) द्वारा 19 फीसदी एमजीबी को मंजूरी दिए जाने की बाट जोह रहे हैं। दरअसल डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में निहित प्रावधानों के तहत ही वेतन समझौते को अंतिम रूप दिया जाना था। डीपीई द्वारा इन प्रावधानों को शिथिल किए जाने पर ही 19 फीसदी एमजीबी को लाभ कोयला कामगारों को मिल सकेगा। सीआईएल एवं कोयला मंत्रालय दोनों ही अपने स्तर पर डीपीई से 19 फीसदी को स्वीकृति दिलाने के प्रयास में हैं। माना जा रहा है कि अंततः डीपीई द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। कामगारों को 19 फीसदी एमजीबी का लाभ देने से वेतन ओवरलैपिंग की स्थिति निर्मित हो रही है। इसको लेकर कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMOAI) ने आपत्ति दर्ज कराई है। माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ने सीआईएल प्रबंधन के साथ बैठक कर महारत्न पे- स्केल पर सहमति बनाई थी। इस सहमति के आधार पर अपडेट पे- स्केल का प्रस्ताव सीआईएल ने 22 मई को कोयला मंत्रालय को भेजा है।
कहा जा रहा है कि अधिकारियों के पे- स्केल के अपग्रेडेशन (Upgradation) पर निर्णय लेने के बाद ही कोयला कामागरों के 19 फीसदी एमजबी को मंजूरी मिलने का मसला आगे बढ़ सकता है। ऐसे में नए वेतनमान का लाभ लेने के लिए कामगारों को और इंतजार करना होगा।