नई दिल्ली। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने सभी सांसदों से बिजली (संशोधन) विधेयक, 2020 का विरोध करने की अपील की है। बिजली (संशोधन) विधेयक, 2020 को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। एआईपीईएफ ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘हमने सभी सांसदों से बिजली (संशोधन) विधेयक, 2020 का विरोध करने की अपील की है। इस विधेयक में जनविरोधी सख्त प्रावधान हैं और इसका मकसद बिजली क्षेत्र का पूरी तरह निजीकरण करना है।’’

एआईपीईएफ ने शनिवार को इस बारे में सभी संसद सदस्यों को पत्र लिखा है। एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा कि पत्र में इस बात का उल्लेख है कि कई राज्य पहले ही विधेयक के मसौदे में कई मुद्दों पर गंभीर आपत्ति जता चुके हैं। गुप्ता ने कहा कि इन परिस्थितियों में जब इस विधेयक को संसद में पेश किया जाए, सांसदों को इसका कड़ा विरोध करना चाहिए। इसके अलावा विधेयक को ऊर्जा पर संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली एक संयुक्त विषय है। ऐसे में केंद्र राज्यों पर उनकी सहमति के बिना अपनी इच्छा थोपने का प्रयास कर रहा है। एआईपीईएफ ने कहा कि विधेयक में शुल्कों में सब्सिडी समाप्त करने और बिजली की लागत के आधार पर नए शुल्क पेश करने का प्रस्ताव है। ‘‘इससे घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली शुल्क काफी ऊंचा हो जाएगा।

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