नई दिल्ली, 03 अप्रेल। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने जोर- शोर से मांग उठ रही है। दूसरी यह खबर आ रही है कि वित्त मंत्रालय एनपीएस के स्वरूप में बदलाव कर सकता है। कहा जा रहा है कि मंत्रालय के संबंधित अधिकारी आंध्र प्रदेश सरकार के पेंशन के नए मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें : भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2022-23 में माल ढुलाई में अभी तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया
आंध्र मॉडल में कर्मचारियों को आखिरी वेतन का 33 प्रतिशत पेंशन के रूप में देने का प्रस्ताव है, जबकि अभी एनपीएस के तहत कर्मचारियों को यह पता नहीं होता है कि रिटायर होने के बाद उसे कितनी पेंशन मिलेगी। इसकी वजह यह है कि पेंशन फंड का प्रबंधन करने वाला पीएफआरडीए उनके योगदान वाली राशि को मार्केट में लगाता है और यह मार्केट लिंक्ड है।
बताया गया है कि मुताबिक आंध्र मॉडल की खास बात यह है कि इसको अपनाने से सरकार पर पूरी तरह भार नहीं आएगा। क्योंकि इसमें भी कर्मचारियों की तरफ से लेने का प्रस्ताव है। जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) पूरा भार सरकार को उठाना पड़ता है। ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत आखिरी वेतन का 50 के तौर पर मिलता है। इस पेंशन प्रणाली में कर्मचारी किसी तरह का योगदान भी नहीं देता है। यह पूरी तरह से करदाता के पैसे से दी जाती है। महंगाई भत्ता बढ़ने पर उनकी पेंशन भी बढ़ती जाती है। अभी देश में ओपीएस के तहत 70 लाख से अधिक पेंशनभोगी है।
इसे भी पढ़ें : CIL- JBCCI की 9वीं बैठक, सोमवार को जारी हो सकती है सूचना
दूसरी ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने हाल ही में पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर एक वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाए जाने की भी घोषणा की है। इससे ओपीएस को लेकर रास्ता साफ होता भी दिख रहा है। इस साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है सरकार इस मामले में कुछ निर्णय ले सकती है।