केंद्रीय बिजली तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता के लिए भारत सरकार की कई पहल की घोषणा की है।
ऊर्जा दक्षता के ये उपाय आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत लागू किए जा रहे हैं।
सतत पर्यावास का लक्ष्य : ऊर्जा दक्षता निर्माण में नई पहल कार्यक्रम का कल शुभारंभ करते हुए श्री सिंह ने निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र बिजली का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और 2030 तक इसके सबसे बडा उपभोक्ता क्षेत्र बनने की संभावना है। इस महत्व को देखते हुए सरकार रिहायशी और वाणिज्यिक निर्माण प्रतिष्ठानों में ऊर्जा दक्षता में सुधार पर ध्यान दे रही है।
उन्होंने कार्यक्रम के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का आभार व्यक्त किया और अधिकारियों को निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता लागू करने की सभी बाधाएं दूर करने को कहा।
इन पहलों में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता 2017 और इको निवास संहिता 2021 के बारे में 15 हजार से अधिक आर्किटेक्ट, इंजीनियर और सरकारी अधिकारियों का प्रशिक्षण भी शामिल है।
नई पहलों का स्वागत करते हुए बिजली राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि अधिक ऊर्जा दक्षता का अर्थ है बिजली की कम खपत और कार्बन उत्सर्जन में कमी।
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