कोरबा (आईपी न्यूज)। कोरबा जिले के शहरी क्षेत्र खासकर कुसमुण्डा, दीपका, दर्री- जमनीपाली, बालकोनगर, रविशंकर नगर, खरमोरा, सीतामणी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर गंभीर स्थिति में रहता है। बावजूद इसके प्रदूषण को लेकर कोई चर्चा नहीं होती है। इसकी वजह है आंकड़ों का खेल। अधिकारिक तौर पर्यावरण संरक्षण मंडल या औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा एक्यूआई- पीएम 2.5- पीएम 10 का जो डेटा प्रस्तुत किया जाता है वो ज्यादातर अंडर कंट्रोल होता है। जबकि निजी एजेंसी की प्रदूषण पर निगरानी रखने वाली रिपोर्ट यह बताती है कि हालात आउट आफ कंट्रोल हैं। आईपी न्यूज Attack to Pollution श्रृखंला शुरू कर रहा है। इसके जरिए कोरबा के विभिन्न स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक प्रदूषण की स्थिति के आंकड़ों के साथ जानकारी दी जाएगी। कोरबा के अलावा रायपुर, भिलाई, बिलासपुर, रायगढ़ के एक्यूआई का स्तर भी आप तक पहुंचाने का प्रयास होगा।
बालको प्रबंधन और निजी एजेंसी की रिपोर्ट में है अंतर
बालकोनगर क्षेत्र भी प्रदूषण की जबरदस्त मार झेल रहा है, लेकिन वेदांता की कंपनी बालको (भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड) की रिपोर्ट प्रदूषण की स्थिति नियंत्रण में बताती है। बालको प्रबंधन की आर एण्ड सी लैबोरटरी के अंतर्गत आने वाले पर्यावरण निगरानी विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण मंडल तथा पर्यावरण एवं वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जाती है। इस रिपोर्ट में वायु गुणवत्ता की स्थिति सामान्य बताई जाती है। पीएम 10 का स्तर 50 से 59 तथा पीएम 2.5 का लेवल 25 से 40 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर बताया जा रहा है। जबकि स्थिति इसके विपरित है। निजी एजेंसी की मानिटिरिंग रिपोर्ट के अनुसार बालको संयंत्र और इसके आसपास के इलाके का एक्यूआई का स्तर 200 से उपर बना रहता है। 13 नवम्बर, 2019 की रात को एक्यूआई 313 पर था। पीएम 10 का स्तर 267 तथा पीएम 2.5 का लेवल 136 था। कई बार एक्यूआई का स्तर 400 को पार कर चुका है। ऐसे में बालको प्रबंधन की अंडर कंट्रोल वाली रिपोर्ट पर सवाल उठेंगे। मजे की बात है कि कंपनियोें की रिपोर्ट को पर्यावरण संरक्षण मंडल सही मान लेता है।