बांग्लादेश सरकार देश के दक्षिणी क्षेत्र में अपने दूसरे परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। रविवार को रूपुर परमाणु बिजली संयंत्र पर रियेक्टर दबाव पोत के अधिष्ठापन कार्य की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि वर्तमान में चल रहे संयंत्र का काम पूरा होने के बाद दूसरे बिजली संयंत्र की स्थापना की जाएगी। इस संयंत्र के लिए सरकार उपयुक्त स्थान की तलाश कर रही है।
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रूस के वित्तीय और तकनीकी सहायता से निर्मित हो रहे रूपुर बांग्लादेश का पहला परमाणु बिजली संयंत्र है। 2400 मेगा वॉट वाले रुपुर परमाणु बिजली संयंत्र के 2024 तक क्रियाशील होने की आशा है।
प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी द्वारा बाध्यकारी सुरक्षा मानकों का परमाणु बिजली संयंत्र पर कड़ाई से पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रुपुर परमाणु बिजली संयंत्र की सुरक्षा के लिए नई और आधुनिक तकनीक के साथ चार स्तर के सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। शेख हसीना ने कहा है कि बिजली संयंत्र की रक्षा के लिए पर्यावरण के प्रदूषण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस बिजली संयंत्र से 2024 तक लोगों को बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि परमाणु बिजली संयंत्र से नए वितरण क्रम की भी व्यवस्था की जा रही है।
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रुपुर परमाणु बिजली संयंत्र से पारेषण लाइन के निर्माण और बिजली निकासी सुविधा में लगभग एक अरब अमरीकी डॉलर की विशेष छूट वाली ऋण सीमा हासिल करने के जरिये भारत बांग्लादेश की सहायता कर रहा है। इस वर्ष मार्च महीने में प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान रूपुर परमाणु बिजली संयंत्र से बिजली निकासी सुविधाओं के ढांचागत विकास के लिए आधारशिला रखी गई थी।
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