जांजगीर-चांपा, 13 जून। बोरवेल में फंसा 11 साल का मासूम राहुल 67 घंटों से जिंदगी की जंग लड़ रहा है। कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने बताया चट्टान की वजह से टनल बनाने में परेशानी हो रही है। राहुल तीन मीटर की दूरी पर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं लगातार ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
बताया गया है कि रात में रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ समय के लिए बंद किया गया। दरअसल राहुल सो गया था।
रेस्क्यू दल बहुत ही सावधानीपूर्वक राहत एवं बचाव की दिशा में कार्य कर रहा है। प्रत्येक गतिविधि का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
लगभग 20 फीट होरिजॉन्टल खुदाई की जा रही है ताकि बोरवेल में फंसे राहुल तक पहुंचा जा सके। बोरवेल के समीप 61.5 फीट का गड्ढा खोदा गया है। यहां से टनल बना राहुल तक पहुंचने की योजना है, लेकिन बीच में मौजूद चट्टान बाधा बन रही है।
एसडीआरएफ और एसईसीएल के कुसमुंडा, मानिकपुर, मनेन्द्रगढ़ से पहुंची 10 सदस्यीय रेस्क्यू टीम भी सहयोग कर रही है।
रोबोट हुआ असफल
इसके पहले बच्चे को रोबोट से निकालने की कोशिश सफल नहीं हो सकी। सूरत, गुजरात से आए रोबोटिक्स इंजीनियर महेश ने बोरवेल में रोबोट उतारा था, लेकिन कीचड़ और पानी की वजह से यह प्रयास सफल नहीं हो सका।
एनडीआरएफ को छत्तीसगढ़ का सलाम
एनडीआरएफ के जवान बी अनिल आंध्रप्रदेश और कापसे एल बी महाराष्ट्र से हैं। इन दोनों के द्वारा बोरवेल के बाहर कैमरे का न सिर्फ वायर सम्हाल कर राहुल के हर गतिविधियों को बाहर प्रदर्शित किया जा रहा है अपितु आवाज लगा लगा कर वे दोनों राहुल तक केला, जूस सहित अन्य सामग्रियां पहुचा रहे हैं। लगभग 55 घण्टे से अधिक समय से वे दोनों एक ही जगह में बैठे हुए हैं।
शुक्रवार दोपहर 2 बजे बोरवेल में गिरा था राहुल
यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के पिहरिद गांव का राहुल साहू, लगभग 11 साल, पिता लाला साहू रोज की तरह दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला है। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा मूक- बधिर है और मानसिक रूप से कमजोर है।
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