जांजगीर-चांपा, 13 जून। बोरवेल में फंसा 11 साल का मासूम राहुल को बचाने की जंग जारी है, लेकिन बोरवेल में पानी का भराव हो रहा है और राहुल खतरे में आता दिख रहा है। राहुल 77 घंटों से बोरवेल में फंसा हुआ है। बोरवेल से पानी निकालने का काम भी तेजी से किया जा रहा है।
इधर, मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रीन कॉरीडोर बनाने कहा गया है। क्योंकि राहुल को बोरवेल से निकालने का काम भी अंतिम चरण में हैं। ग्रीन कॉरीडोर बनाने से उसे हॉस्पिटल तत्काल ले जाया जा सकेगा। जांजगीर के अलावा बिलासपुर तक ले जाने की भी तैयारी रखी गई है। मौके पर भी चिकित्सक और पूरी मेडिकल टीम मौजूद है।
टनल बनाने का काम जारी है। साथ ही एनडीआरएफ द्वारा टीम के एक युवक को सीधे बोरवेल में उतारा जा रहा है। बताया जा रहा है कि राहुल ने बीते दस घंटों से कुछ भी नहीं खाया है। वहीं कुछ समय से उसका मूवमेंट नहीं होना बताया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन सहित तमाम लोग चिंतित हो उठे हैं।
राहुल को बचाने के लिए बाधा बनी चट्टान को पार करते हुए रेस्क्यू टीम आगे बढ़ रही है। बिलासपुर से मंगाई गई मशीन का उपयोग चट्टान को तोड़ने में किया जा रहा है। इस अभियान में सावधानी भी बरती जा रही है कि बोरवले में 60 फीट से ज्यादा नीचे फंसे राहुल को किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचे। टनल बनाने के दौरान चट्टान तो बाधा बन ही रही है पानी के रिसाव का भी सामना करना पड़ रहा है।
इधर, प्रशासन के निर्देश पर भू-जल स्तर को कम किए जाने का प्रयास भी प्रारंभ किया गया है। गांव के सभी बोरवेल चालू करवाए गए हैं।
रोबोट हुआ असफल
इसके पहले रविवार को बच्चे को रोबोट से निकालने की कोशिश सफल नहीं हो सकी। सूरत, गुजरात से आए रोबोटिक्स इंजीनियर महेश ने बोरवेल में रोबोट उतारा था, लेकिन कीचड़ और पानी की वजह से यह प्रयास सफल नहीं हो सका।
एनडीआरएफ को छत्तीसगढ़ का सलाम
एनडीआरएफ के जवान बी अनिल आंध्रप्रदेश और कापसे एल बी महाराष्ट्र से हैं। इन दोनों के द्वारा बोरवेल के बाहर कैमरे का न सिर्फ वायर सम्हाल कर राहुल के हर गतिविधियों को बाहर प्रदर्शित किया जा रहा है अपितु आवाज लगा लगा कर वे दोनों राहुल तक केला, जूस सहित अन्य सामग्रियां पहुचा रहे हैं। लगभग 65 घण्टे से अधिक समय से वे दोनों एक ही जगह में बैठे हुए हैं।
शुक्रवार दोपहर 2 बजे बोरवेल में गिरा था राहुल
बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के पिहरिद गांव का राहुल साहू, लगभग 11 साल, पिता लाला साहू रोज की तरह दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला है। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा मूक- बधिर है और मानसिक रूप से कमजोर है।
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