जांजगीर-चांपा, 14 जून। मासूम राहुल को बोरवेल में फंसे 88 घंटे हो चुके हैं। बचाव कार्य भी एक पल के लिए नहीं थमा है।

इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार की अल सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट किया कि हैंड ड्रिलिंग का काम अब ख़त्म हो चुका है। अन्य उपकरण भी बाहर निकाले जा रहे है। कम्प्रेशर बन्द कर बाहर निकाला जा रहा है। रेस्क्यू टीम राहुल तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

इसके पहले जानकारी दी गई कि बचाव दल राहुल के बहुत ही करीब है। बच्चे की स्थिति ऊपर है और रेस्क्यू टीम नीचे से पूरी सावधानी के साथ बारीकी से ड्रिल कर रही है। इसके बाद मैनुअल तरीके से पत्थरों को काटा जाएगा। लेकिन इसके पहले वीएलसी (विक्टिम लोकेशन कैमरा) लगाकर बच्चे को लोकेट किया जाएगा। एनडीआरएफ के जवान इस वीएलसी कैमरे की जांच कर आवश्यक तैयारी कर रहे हैं। इस अत्याधुनिक उपकरण की मदद से दीवार या चट्टानों के उस पार देखा जा सकता है और आने वाली आवाजों को सुना भी जा सकता है। कैमरे की मदद से रेस्क्यू को और आसान बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बोरवेल में फंसे राहुल को सकुशल बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम अलर्ट मोड पर है। हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। उन्होंने कहा मामला संवेदनशील है इसलिए रेस्क्यू टीम पूरी सावधानी से आगे बढ़ रही है। चट्टानों का मुकाबला हम अपने फौलादी इरादों से कर रहे हैं।

यहां बताना होगा कि सोमवार रात को टनल बनाने का काम पूरा कर लिया गया था। टनल के ऊपर की ओर करीब चार फीट की खुदाई खुदाई शुरू की गई थी। चट्टानों की वजह से इस काम देरी हुई।

रात को कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने कहा था कि राहुल की हालत पहले से बेहतर है। वो खाना मांग रहा है। बच्चे की जान को खतरा नहीं है। रेस्क्यू ऑपरेषन अंतिम चरण में है। स्वास्थ्य अमले का हाई अलर्ट पर रखा गया है। राहुल के बाहर आते ही प्राथमिक उपचार के बाद उसे अपोलो बिलासपुर ले जाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रीन कॉरीडोर की तैयारी रखी गई है।

शुक्रवार दोपहर 2 बजे बोरवेल में गिरा था राहुल

छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के पिहरिद गांव का राहुल साहू, लगभग 11 साल, पिता लाला साहू रोज की तरह दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला है। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा मूक- बधिर है और मानसिक रूप से कमजोर है।

सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunchपर Follow करें …

 

  • Website Designing