नई दिल्ली, 26 मई। कोयला कामगारों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई की पांचवी बैठक के पूर्व कोल इंडिया (सीआईएल) के वर्ष 2022 के वित्तीय नतीजे घोषित हो गए हैं।
चौथी तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 46.3 फीसदी बढ़कर 6,715 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष इसी तिमाही में 4,589 करोड़ रुपए था।
इसे भी पढ़ें : कोल इंडिया Q4 Results : मुनाफे में 46 फीसदी का उछाल, रेवेन्यू में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी
इसी तरह वित्तीय वर्ष 2022 में कोल इंडिया का शुद्ध मुनाफा 36.8 प्रतिशत बढ़कर 17,378 करोड़ रुपए रहा जबकि वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का मुनाफा 12,700 करोड़ रुपए था। इस तरह पूरे वित्त वर्ष 2022 के दौरान कोल इंडिया का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 22 फीसदी बढ़कर 1,09,714 करोड़ रुपए कर रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष में 90,026 करोड़ रुपए था।
इधर, जेबीसीसीआई की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में मिनिमम गारंटी बेनिफिट एमजीबी को लेकर बात आगे नहीं बढ़ सकी है। जेबीसीसीआई की पहली बैठक 17 जुलाई, 2021 को हुई थी। द्वितीय बैठक 15 नवम्बर और तृतीय, चौथी बैठक क्रमशः 16 फरवरी, 22 अप्रेल, 2022 को हुई। पांचवी बैठक जून में आयोजित किए जाने को लेकर सहमति बनी थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार सीआईएल प्रबंधन जेबीसीसीआई की पांचवी बैठक जुलाई में संपन्न कराना चाहता है।
चौथी बैठक में प्रबंधन ने महज तीन फीसदी एमजीबी का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर यूनियन के सदस्य भड़क उठे थे। यूनियन ने चार्टर ऑफ डिमांड में 50 प्रतिशत एमजीबी मांगा है। 10वें वेतन समझौते में 20 फीसदी एमजीबी मिला था। यूनियन के ज्यादातर नेताओं का कहना है कि वेतन समझौता सम्मानजनक तरीके से ही होगा।
बहरहाल बेहतर वित्तीय नतीजे आने के बाद सीआईएल प्रबंधन जेबीसीसीआई की 5वीं बैठक में एमजीबी को लेकर क्या ऑफर लेकर आता है, यह देखना होगा। बैठक जून में होगी या नहीं इस पर अभी संशय है।
सोशल मीडिया पर अपडेट्स के लिए Facebook (https://www.facebook.com/industrialpunch) एवं Twitter (https://twitter.com/IndustrialPunch) पर Follow करें …