भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के अनुरूप, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की रेल और स्ट्रक्चरल मिल भारतीय रेलवे के लिए एक विशेष ग्रेड रेल, थिक वेब ऐसेमेट्रिक (टीडब्ल्यूए) रेल की सफलतापूर्वक रोलिंग की है। इसका रेलवे पटरियों के साथ क्रॉस-ओवर पॉइंट्स में उपयोग किया जाता है। इस ग्रेड की रेल अब तक आयात की जाती रही है। कोई भी घरेलू स्टील कंपनी इसका व्यावसायिक उत्पादन नहीं करती है। विश्व स्तर पर भी, कोरस, यूके सहित ऑस्ट्रिया और फ्रांस की कुछ शीर्ष इस्पात उत्पादक कंपनिया इसका उत्पादन करते हैं।
भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा आज 20 सितंबर, 2021 को संयंत्र के कार्यपालक निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों और रेल और स्ट्रक्चरल मिल बिरादरी और इससे जुड़े विभागों के सदस्यों की उपस्थिति में रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल द्वारा लगभग 815 टन एंड-फोर्ज्ड थिक वेब ऐसेमेट्रिक (टीडब्ल्यूए) रेल के 429 जोड़े रेल्स को 14 वैगनों में लोड कर एक रेक डिस्पैच किया गया। यह भारतीय रेलवे को सीधे सेल-बीएसपी द्वारा भेजी गई टीडब्ल्यूए रेलों की सबसे बड़ी खेप है। अब तक इस रेल की बहुत कम मात्रा में आपूर्ति की गई थी जिसे सड़क मार्ग से स्विच निर्माताओं को भेजा गया था।
यह महत्वपूर्ण उत्पाद भारतीय रेलवे द्वारा पटरियों के साथ स्विच पॉइंट के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। यह उत्पाद ट्रेनों को तेज गति से ट्रैक बदलने में सक्षम बनाता है। अपने नेटवर्क में इन उन्नत “स्विच पॉइंट रेल” की तैनाती ने रेलवे की मांग को पूरा करते हुए ट्रैक को आधुनिक बनाने में मदद की है।
संयंत्र ने पहली बार वर्ष 2006 में थिक वेब ऐसेमेट्रिक रेल का ट्रायल रोलिंग शुरू किया था। सेल द्वारा रेलवे बोर्ड के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल में एक नया एंड फोर्जिंग प्लांट स्थापित किया गया था। यह प्लांट एक संयुक्त उपक्रम हाइड्रोलिकों, डेनमार्क और बी के इंजीनियरिंग, भिलाई द्वारा 48 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2009 में लगाया गया।
जुलाई 2013 में पश्चिम बंगाल के तामलुक डिवीजन में रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के लिए एंड-फोर्ज्ड थिक वेब ऐसेमेट्रिक रेल का पहला लॉट सड़क मार्ग से भेजा गया था। 2013-14 और 2017-18 के बीच, लगभग 1099 टन एंड फोर्ज्ड टीडब्ल्यूए रेल भेजे गए। लगभग 4 वर्षों के अंतराल के बाद, मई 2020 में फिर से टीडब्ल्यूए रेल की रोलिंग शुरू की गई। आज डिस्पैच किया गया टीडब्ल्यूए रेल को वित्तीय वर्ष 2020-21 में और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी रोल किया गया है। इसके साथ, सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने अब तक लगभग 1914 टन एंड फोर्ज्ड टीडब्ल्यूए ग्रेड रेल की आपूर्ति की है।
सेल-बीएसपी छह दशकों से भी अधिक समय से रेल के लिए भारतीय रेलवे की संपूर्ण आवश्यकता को पूरा कर रहा है। भारतीय रेल बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वांछित मात्रा में गुणात्मक रेल्स की रोलिंग कर रहा है और कड़े मापदण्डों के अनुसार विश्व स्तरीय रेल की रोलिंग करने के अपने मानकों में उत्तरोत्तर सुधार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि सेल-बीएसपी 1.6 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) से कम हाइड्रोजन कन्टेंट के साथ दुनिया में सबसे स्वच्छ रेल स्टील का उत्पादन करती है।
वर्तमान में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल एंड स्ट्रक्चरल और यूनिवर्सल रेल मिल मिलकर भारतीय रेलवे के लिए 60ई1 प्रोफाइल के साथ एक नया आर-260 ग्रेड रेल की रोलिंग प्रारम्भ कर रही है। रेल का यह नया ग्रेड उच्च गति और उच्च एक्सल भार के लिए अधिक उपयुक्त है। इस नए ग्रेड की रेल के लिए भारतीय रेलवे द्वारा दिए गए मापदण्ड यूरोपीय देशों में उपयोग की जाने वाली रेल के मापदण्डों से भी अधिक कड़े हैं।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) राकेश, कार्यपालक निदेशक (पी एंड ए) एस के दुबे, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (वित्त एवं लेखा) डाॅ ए के पंडा, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सेवाएं) एस एन आबिदी, मुख्य महाप्रबंधक (आरएसएम एवं प्लेट मिल), एम एम गदे्र, मुख्य महाप्रबंधक (टी एंड डी), ए के तिवारी, मुख्य महाप्रबंधक (एम एंड यू), अरविंद कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (मेकेनिकल), एस के कटारिया, मुख्य महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल), पी के सरकार, मुख्य महाप्रबंधक (पीपीसी), जी पी ओझा, मुख्य महाप्रबंधक (यूआरएम), अनीष सेनगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक (मर्चेंट मिल एंड वायर राॅड मिल), अजय बेदी, मुख्य महाप्रबंधक (आई एंड ए) असीत साहा।
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