भिलाई, 18 अप्रेल। भिलाई इस्पात संयंत्र में आयोजित भव्य समारोह में संयंत्र की रोलिंग मिल प्रयोगशाला का उद्घाटन सेल चेयरमेन श्रीमती सोमा मंडल द्वारा किया गया। साथ ही उन्होंने प्रयोगशाला में उपलब्ध सुविधाओं के ब्रोशर का विमोचन भी किया।
सेल चेयरमेन, श्रीमती सोमा मण्डल ने संयंत्र भ्रमण किया। उन्होंने सर्वप्रथम नवनिर्मित रोलिंग मिल प्रयोगशाला का उद्घाटन किया, जहाँ रेल के लिए क्वालिफायिंग क्राइटेरिया टेस्ट फेसेलिटी, मेकनिकल टेस्टिंग लैब, केमिकल सेक्शन, मेटेलोग्रफी परीक्षण आदि सुविधाएं है।
इसे भी पढ़ें : JBCCI 9th Meeting : चेयरमैन बोले- 19% MGB के लिए निश्चिंत रहें, अलाउंस नहीं होगा फ्रीज, आपसी समन्वय की दिखी कमी
सेल चेयरमेन और उपस्थित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रयोगशाला के निर्माण के लिए टीम की सराहना की और कहा कि यह प्रणाली हमारे संयंत्र के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी। संयंत्र भ्रमण के दौरान सेल चेयरमेन के साथ संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एवं अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) डाॅ ए के पंडा, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (खदान एवं रावघाट) समीर स्वरुप, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डाॅ एम रविन्द्रनाथ तथा मुख्य महाप्रबंधक (क्वालिटी एवं एसएमएस-3) एस के कर सहित संयंत्र के अन्य उच्च अधिकारीगण उपस्थित रहे।
उद्घाटन के बाद सेल चेयरमेन श्रीमती सोमा मंडल ने प्रयोगशाला में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं, जांच और विश्लेषण की स्थिति तथा प्रयोगशाला के प्रत्येक उपकरण का निरीक्षण किया जिसके संबंध में उन्हें मुख्य महाप्रबंधक (गुणवत्ता और एसएमएस-3) संदीप कुमार कर और अन्य लैब अधिकारियों द्वारा विवरण दिया गया।
मोडेक्स लैब पैकेज 090ए के अंतर्गत परिकल्पित यह रोलिंग मिल प्रयोगशाला रासायनिक, यांत्रिक और मेटलोग्राफिक परीक्षण आवश्यकताओं और भिलाई इस्पात सयंत्र में उत्पादित रेल आदि विभिन्न लंबे उत्पादों के सर्टिफिकेशन तथा सैंपल तैयार करने के लिए उपयोगी विभिन्न अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक और परीक्षण उपकरणों से युक्त है।
इस प्रयोगशाला मे उपलब्ध फटीग क्रैक ग्रोथ रेट (FCGR) परीक्षण उपकरण क्रय की गयी सेल की ऐसी पहली मशीन है जिसे रेल उत्पादों के एफसीजीआर जांच,जो की एक अनिवार्य योग्यता मापदंड है। जिसे हाल ही में रेल स्पेसिफिकेशन (विशिष्टता) में शामिल किया गया है।
इस प्रयोगशाला भवन एवं इसके उपकरणों /सुविधाओं की स्थापना के लिए आवश्यक सेवा सुविधाओं को 27.07.2022 को सफलतापूर्वक, प्रोजेस्ट्स यूटिलिटी ज़ोन के द्वारा कमीशन किया गया था। इस प्रक्रिया में यूजर विभाग आरसीएल के मार्गदर्शन में प्रयोगशाला को अत्याधुनिक उपकरण प्रदान किए गए थे।
इस परियोजन के संचालन में महाप्रबंधक (आरसीएल) ए वी मनोज, महाप्रबंधक प्रभारी (प्रोज-यूटिलिटीज) वी सी शेखर, सहायक महाप्रबंधक(प्रोज-यूटिलिटीज) पुनीत वर्मा, सहायक महाप्रबंधक (प्रोज-यूटिलिटीज) आशीष कुमार रामटेके, सहायक महाप्रबंधक (प्रोज-यूटिलिटीज) रोहित आर्य तथा परियोजना विभाग के अन्य अधिकारियों का प्रमुख योगदान रहा।
इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ : बिजली की मांग 5700 मेगावाट के रिकार्ड स्तर तक पहुंची
परियोजना विभाग की टीम के सहयोग से रोलिंग मिल लैब की स्थापना में प्रयोगशाला के अधिकारी ए वी मनोज, सिद्धार्थ मुखोपाध्याय, केवी शंकर, सक्षम श्रीवास्तव, श्रीमती सत्या देवी, जे के वर्मा, पवन कुमार, केके गुप्ता, वेणुगोपाल स्वामी, दीपक भाटिया, सी पी प्रदीप, एमएल वर्मा व कुछ अन्य कर्मचारी आदि शामिल थे।
इस रोलिंग मिल लैब की स्थापना के साथ ही सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की यह प्रयोगशाला विश्वस्तरीय परीक्षण सुविधायुक्त प्रयोगशालाओं में से एक बन गयी है।