भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले और चुनावी रैलियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।
वरुण गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, “रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना- यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।” उन्होंने आग लिखा, “उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें ईमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।”
उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं को सामने से नेतृत्व करना चाहिए ताकि आम जनता को घरों में रहने के लिए प्रेरित किया जा सके। गांधी ने जिक्र किया कि अधिकतम संक्रमण आमतौर पर दिन के दौरान होता है, क्योंकि रात में सड़कों पर कम लोग होते हैं। उन्होंने सामाजिक समारोहों में सख्ती से कटौती करने का आह्वान किया, जो Covid-19 के फैलने का कारण बन सकते हैं।
उन्होंने मार्च 2021 में महाराष्ट्र सरकार को केंद्र की ओर से भेजे गए नोट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन जैसे उपायों का संक्रमण को फैलेने से रोकने या कम करने पर बहुत सीमित प्रभाव पड़ता है।
नोट में कहा गया था कि प्रशासन को कठोर तथा प्रभावी रोकथाम रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये। गांधी ने समग्र रणनीति का आह्वान किया।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के कई राज्यों में Covid-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए शनिवार, 25 दिसंबर से प्रदेशव्यापी कोरोना नाइट कर्फ्यू लागू किए जाने के निर्देश दिए। नाइट कर्फ्यू प्रदेश में रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक के लिए लागू किया गया है।
दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी की जन विश्वास यात्रा की जनसभाओं में भीड़ जुट रही है और पार्टी के प्रमुख नेताओं की जनसभाओं का आयोजन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है। BJP ने राज्य के छह क्षेत्रों से पिछले दिनों जन विश्वास यात्रा शुरू की, जो प्रदेश की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी।
रात में कर्फ्यू लगाना और दिन में रैलियों में लाखों लोगों को बुलाना – यह सामान्य जनमानस की समझ से परे है।
उत्तर प्रदेश की सीमित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के मद्देनजर हमें इमानदारी से यह तय करना पड़ेगा कि हमारी प्राथमिकता भयावह ओमीक्रोन के प्रसार को रोकना है अथवा चुनावी शक्ति प्रदर्शन।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 27, 2021