भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के महासचिव साधू सिंह ने कहा है कि आम बजट की घोषणा के उपरांत सरकारी तथा संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों में घोर निराशा व्याप्त है। एक भी घोषणा कर्मचारियों के पक्ष में नहीं की गई है।
कर्मचारी इंतजार कर रहा था कि जनवरी 2020 से सेट किए गए डीए को 1 जनवरी 2021 से भुगतान की घोषणा होगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। आयकर में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई। जबकि वेतन भोगी कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे थे। पेंशनभोगियों को भी आयकर से मुक्त नहीं किया गया। सभी तरह के पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन घोषणा नहीं की गई।
इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना तथा 2 बैंकों और एक बीमा कंपनी का निजीकरण करना घोर निराशाजनक है। पब्लिक सेक्टर में भी सरकार ने विनिवेश करके निजीकरण की घोषणा करके मजदूरों और कर्मचारियों को घोर निराशा किया है। सरकार ने रोजगार सृजन के लिए बजट में कोई प्रयास नहीं किया। डीजल और पेट्रोल पर क्रमशः 4 रुपए और 2.5 रुपए सेस लगाने के कारण महंगाई बढ़ेगी जिससे आम आदमी की परेशानियां भी बढ़ेगी।