बिलासपुर, 17 सितम्बर। भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोल प्रभारी एवं जेबीसीसीआई सदस्य के. लक्ष्मा रेड्डी ने कोल माइंस ऑफिसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMOAI) और इसके लोग NCWA- XI में विघ्न डालकर औद्योगिक शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ स्थित विश्रामपुर दौरे पर पहुंचे श्री रेड्डी ने स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कोयला कामगारों का 11वां ऐतिहासिक वेतन समझौता कुछ लोगों का हजम नहीं हो रहा है। जबलपुर सहित अन्य हाईकोर्ट में एनसीडब्ल्यू- XI को निरस्त करने को लेकर याचिकाएं दायर की गई हैं। यह कदम कोयला कामगारों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला है, इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
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बीएमएस नेता ने कहा कि अपने हक के लिए लड़ना सबका अधिकार है, लेकिन दूसरों के हक को छीनना ये विकृत मानसिकता का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि रांची में कोयला उद्योग के पांचो यूनियन की बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है और बैठक में तय किया गया है कि अदालत के निर्णय का हवाला देकर प्रबंधन अगर नए वेतन समझौता के अनुरूप सितम्बर माह का वेतन भुगतान नहीं करता है तो 5, 6, 7 अक्टूबर को कोयला उद्योग में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी।
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श्री रेड्डी ने कहा कि अधिकारियों का हर 10 वर्ष में वेतन निर्धारण होता है जिसकी अवधि दिसम्बर 2026 तक है। अगर प्रबंधन इस बीच उनका वेतन बढ़ाता है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। श्री रेड्डी ने कहा कि कर्मियों का सालाना बोनस 70 से 80 हजार रुपए तक होता है जबकि अधिकारी वर्ग ऐसी कक्ष में बैठकर हर वर्ष पीआरपी के रूप में लाखों के प्राप्त करते हैं, जबकी मजदूर को महज 5 प्रतिशत मिलता है। बीएमएस नेता ने कहा कि औद्योगिक शांति भंग करने के पीछे कौन- कौन हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। हड़ताल से होने वाले नुकसान की भरपाई भी इन्ही षडयंत्रकारियों से की जानी चाहिए।