नई दिल्ली, 18 दिसम्बर। कोयला खदानों में सुरक्षा संबंधी स्थायी समिति (Standing Committee on Safety in Coal Mines) की 49वीं बैठक मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने की।
बैठक में यूनियन प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित बीएमएस (BNS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि इतने सारे सुरक्षा संबंधी नियमों, विनियमों और प्राधिकरणों के बावजूद, घातक दुर्घटनाओं से बचा नहीं जा सका है और मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 48 महीनों के दौरान 80 कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान दुर्घटनाओं के कारण मृत्यु हो गई।
उन्होंने शून्य दुर्घटना सुनिश्चित करने और घातक दुर्घटनाओं में अनुग्रह राशि को 15 लाख रुपए से बढ़ाने और दुर्घटना बीमा योजना को तुरंत लागू करने का आग्रह किया, जिसके लिए कोल इंडिया ने पहले ही बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
के. लक्ष्मा रेड्डी ने पेंशन फंड में होने वाले नुकसान से बचने के लिए तत्काल कदम उठाने के अलावा खनन क्षेत्रों की बाड़ लगाने और सीएमपीएफ निवेश घोटालों की सीबीआई जांच की भी मांग की। उन्होंने सीआईएल की प्रत्येक अनुषंगी कंपनी और अन्य कोयला कंपनियों में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने का भी आग्रह किया।
बीएमएस नेता ने श्रमिकों के लिए क्वाटर्स के लिए बहुमंजिला इमारतों के निर्माण और जरूरतमंद सेवानिवृत्त या अनुबंध श्रमिकों को मौजूदा खाली क्वार्टरों को आवंटित करने पर भी जोर दिया।
अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) के उपाध्यक्ष नारायण राव सराडकर ने भी सुरक्षा संबंधित अनेक सुझाव दिए।
कोयला मंत्री और कोयला सचिव दोनों ने यूनियन नेताओं को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा और उचित कदम उठाए जाएंगे।