कोरबा, 22 मार्च। बीएमएस (BMS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने कोल इंडिया (CIL) की खदानों के निजीकरण को कामगारों के हितों के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि बीएमएस एमडीओ मॉडल का पुरजोर विरोध करता है।
श्री रेड्डी छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित SECL एरिया दीपका में अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। बीएमएस के कोल प्रभारी ने कहा कि हमारी मांग पर कोल इंडिया में ड्रेस कोड लागू हो रहा है। नागपुर में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में कोयला मंत्री के समक्ष वर्दी की मांग उठाई गई थी।
उन्होंने कहा कि बीएमएस ने 11वें वेतन समझौते में दो साल के संघर्ष के बाद मजदूरों को 19 प्रतिशत वेतन वृद्धि दिलाई। कोरोना काल में मृतक मजदूरों के परिवारों को 15 लाख रुपए का मुआवजा दिलाने में सफलता मिली। खदान हादसे में मृत्यु पर 1 करोड़ रुपए का मुआवजा और ठेका मजदूरों को 40 लाख रुपए का भुगतान सुनिश्चित कराया गया।
श्री रेड्डी ने कहा कि बीमा योजना में कर्मचारी के खाते से कटौती को समाप्त करवाया गया। जनरल मजदूर पद को जनरल असिस्टेंट में अपग्रेड भी बीएमएस की मांग पर किया गया है। कोल इंडिया में कार्यरत 17 लाख से अधिक महिला कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए महिला विंग के साथ विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा गया। सीएमपीएफ घोटाले की सीबीआई जांच की मांग उठाई गई है। उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।