गुवाहाटी, 23 जनवरी। बीएमस से सम्बद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) की खान सुरक्षा पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन गुवाहाटी में हुआ। दो दिवसीय (21- 22 Jan.) इस कार्यशाला में कोल कंपनियों में संघ द्वारा सलाहकार समिति, सुरक्षा समिति, कल्याण समिति सहित अन्य बोर्ड में नियुक्त सदस्यों की सहभागिता हुई।
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बीएमएस के कोल प्रभारी एवं जेबीसीसीआई सदस्य के. लक्ष्मा रेड्डी ने कार्यशाला में कोल इंडिया में घटती श्रम शक्ति और आउटसोर्सिंग के बढ़ते दायरे को लेकर चिंता जाहिर की। श्री रेड्डी ने कहा कि जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक में 19 फीसदी एमजीबी पर सम्मानजनक निर्णय लिया गया है। उन्होंने इस निर्णय को मजदूरों को जीत बताया। श्री रेड्डी ने कहा कि जेबीसीसीआई की अगली बैठक में कोयला कामगारों की सामाजिक सुरक्षा, भत्तों सहित अन्य मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए निर्णय लिया जाएगा।
श्री रेड्डी ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ की कार्यशैली अन्य यूनियन से अलग है। कार्यकर्ताओं के त्याग और तपस्या के कारण ही बीएमएस देश का नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा श्रम संगठन है। बीएमएस नेता ने सदस्यता बढ़ाने और संगठन की मजबूती पर बल दिया।
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कार्यशाला की अध्यक्षता अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष टिकेश्वर राठौर ने की। महामंत्री एवं जेबीसीसीआई सदस्य सुधीर घुरडे ने कोल कंपनियों से आए हुए बोर्ड सदस्यों को संबंधित विषयों की जानकारी देते हुए कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य कार्यकर्ताओं को जागरूक करना है ताकि सुरक्षा के साथ उत्पादन ठीक ढंग से हो सके। दिलीप सातपुते, टिकेश्वर सिंह राठौर, नारायन राव सराटकर, अरूण प्रधान, जयनाथ चौबे ने भी कार्यषाला से संबंधित विषयों पर अपनी बात रखी।