नई दिल्ली, 13 फरवरी। बीएमएस से सम्बद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) ने जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक कराने की मांग और सीआईएल प्रबंधन के उदासीन रवैये को लेकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है। इसको लेकर कोयला सचिव अमृतलाल मीणा को पत्र लिखा गया है।
अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि जेबीसीसीआई गठन के 19 माह बाद भी कोयला कामगारों का 11वां वेतन समझौता पूर्ण नहीं हो सका है। अब तक केवल 8 बैठकें ही आयोजित हो सकी हैं। वेतन समझौते के प्रति कोल इंडिया प्रबंधन का रवैया उदासीनता वाला रहा है। 30 नवम्बर, 2022 को आयोजित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक में प्रबंधन के नाकारात्मक रवैये के कारण चारों यूनियन बीएमएस, एचएमएस, सीटू, एटक को बड़े आंदोलन को अंतिम रूप देने कन्वेंशन की तैयारी करनी पड़ी। बाद में कोयला मंत्रालय के हस्तक्षेप के कारण 3 जनवरी, 2023 को जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक हो सकी और काफी जद्दोजेहद के बाद 19 फीसदी एमजीबी प्रदान करने पर सहमति बनी।
01 जुलाई, 2021 से 11वें वेतन समझौते की अवधि प्रारंभ हो चुकी है। 19 महीने बीत जाने के बाद भी केवल एमजीबी पर ही सहमति बन सकी है। सामाजिक सुरक्षा, भत्ते, रिटायरमेंट बेनिफिट इत्यादि बिन्दुओं पर निर्णय लिया जाना शेष है।
सुधीर घुरडे ने पत्र में बताया है कि अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ की 10 फरवरी को एक वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक वेतन समझौते के प्रति उदासीनता, वेतन समझौता पूर्ण कराने और इसमें हो रही देरी के कारण श्रमिकों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए आंदोलन किए जाने का निर्णय लिया गया है।
- 19, 20, 21 फरवरी 2023 खदान के मुहानों पर गेट मीटिंग, श्रमिक जागरण का कार्यक्रम किया जाएगा।
- 21 फरवरी को समस्त क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यालयों के समक्ष धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।