मीडिया से चर्चा करते बिनय कुमार सिन्हा
मीडिया से चर्चा करते बिनय कुमार सिन्हा

नागपुर, 17 जुलाई। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है। यह आंदोलन सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी कंपनियों के निजीकरण एवं निगमकरण के विरोध में होगा।

नागपुर में बीएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री बिनय कुमार सिन्हा ने बताया उक्त मुद्दों को लेकर 17 नवम्बर को नई दिल्ली में रैली निकाली जाएगी। पब्लिक सेक्टर को बचाने, निजीकरण और निगमीकरण को रोकने केन्द्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

मीडिया से चर्चा करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि निजीकरण और निगमीकरण को लेकर सरकार को पहले स्टेक होल्डर्स से चर्चा करनी चाहिए और इसका वैकल्पिक रास्ता निकालना चाहिए। बीएमएस नहीं चाहता है कि देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो। बीएमएस नेता ने सवाल किया कि देश की आर्थिक स्थिति को चलाने के लिए क्या यही विकल्प (निजीकरण और निगमीकरण) है।

श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार के नीतिकार सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। वे सरकार को अक्षम करने में लगे हुए हैं। नीतिकार सरकार को सही सुझाव नहीं दे रहे हैं।

एक सवाल के जबाव में बिनय कुमार सिन्हा ने इससे इनकार किया कि सरकार की सभी नीतियां मजदूर विरोधी हैं। पहले की सरकारें केवल 7 फीसदी वाले संगठित क्षेत्र के लिए ही काम करती रही हैं। केन्द्र में पहली ऐसी सरकार बनी है जो 93 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए काम कर रही है और नीतियां लाई गईं हैं। इनमें चार लेबर कोड और ई श्रमिक पोर्टल ऐतिहासिक निर्णय है। लेबर कोड लागू हुआ तो अंतिम पायदान का श्रमिक भी मिनिमम वेज का हकदार होगा। इतना ही नहीं मिनिमम वेज को लेकर वो कानूनी रूप से दबाव भी बना सकता है।

श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए चार लेबर कोड में वेज और सोशल सिक्योरिटी प्रावधान का बीएमएस ने स्वागत किया है। सरकार से इन्हें शीघ्र लागू करने की मांग रखी गई है, लेकिन इनमें IR और OSH & WC कोड में कुछ श्रमिक विरोधी प्रावधान हैं। बीएमएस ने इनमें संशोधन की मांग रखी है।

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