नई दिल्ली, 01 फरवरी। आरएसएस से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) के राष्ट्रीय महामंत्री रविन्द्र हिमते ने जारी बयान में कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2023 जन कल्याणकारी और बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला है।
श्री हिमते ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ ने शुरू से ही कहा है कि श्रम, किसान और सूक्ष्म और छोटे उद्योग विकास के स्तंभ हैं। बजट ने तीनों पहलुओं को उचित महत्व दिया है। बुनियादी ढांचे को सर्वोच्च प्राथमिकता देने से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
महामंत्री ने भारतीय मजदूर संघ की कुछ प्रमुख मांगों को स्वीकार करने के लिए वित्त मंत्री का आभार जताया। श्री हिमते बताया कि बीएमएस ने मैनहोल और सीवरेज की सफाई के लिए मशीनरी का उपयोग, मध्यम वर्ग के लिए आयकर छूट दर को 05 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रूपये और इनकम टैक्स की छूट की सीमा रु 02.5 लाख से बढ़ाकर 03.00 लाख करना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए अधिकतम जमा सीमा 15 लाख से 30 लाख रुपए करना, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत मत्स्य क्षेत्र के लिए विशेष पैकेज, कौशल प्रशिक्षण जैसी मांग रखी थी।
भारतीय मजदूर संघ ने प्रतिरक्षा, परिवहन, रेलवे संचार, एमएसएमई क्षेत्र और युवाओं के लिए नौकरियों को उच्च प्राथमिकता देने तथा नव उत्पादन में सहकारी समितियों के लिए 15 प्रतिशत छूट का और विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज देने के का स्वागत किया है।
भारतीय मजदूर संघ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के बारे में सरकार को सावधान किया है। बीएमएस के अनुसार सरकार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कुछ नियामक तंत्र की कल्पना और स्थापना करनी चाहिए थी। इसे उन क्षेत्रों को निर्दिष्ट करना होगा जहां इसका उपयोग किया जा सकता है और इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय महामंत्री रविन्द्र हिमते ने कहा कि बजट में ईपीएस पेंशनरों को उम्मीद थी कि न्यूनतम पेंशन राशि 1000 रुपए से बढ़ाई जाएगी, ऐसा न होने से उनमें असंतोष का भाव है। कम से कम इन पेंशनरों को आयुष्मान योजना में शामिल करना चाहिए था। ऐसा न होने से उनकी भावनाएं आहत हुई है।
आशा और आंगनवाडी जैसी योजना में कार्यरत कर्मियों को लंबे समय तक काम करने के बावजूद कम मासिक मानदेय प्राप्त होने के कारण वे भी बजट से निराश है।