नई दिल्ली, 29 जनवरी। भारतीय मजदूर संघ के कोल प्रभारी और जेबीसीसीआई सदस्य के. लक्ष्मा रेड्डी ने दूसरे श्रमिक संगठनों पर डीपीई को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है। श्री रेड्डी ने कहा कि कोयला कामगारों के वेतन समझौते में लोक उद्यम विभाग (DPE) कोई बाधा नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए वित्तीय वर्ष में 19 फीसदी एमजीबी का लाभ मिलने लगेगा।
कोरबा में मीडिया से चर्चा करते हुए बीएमएस के कोल प्रभारी ने कहा कि बगैर किसी आंदोलन के 19 फीसदी एमजीबी तय हुआ है, यह एक बड़ी उपलब्धि है। कोल इंडिया प्रबंधन 10 साल के लिए वेतन समझौता करना चाह रहा था, लेकिन यूनियन ने दबाव बनाकर इसे पांच साल के लिए कराया।
श्री रेड्डी ने 19 फीसदी एमजीबी पर सहमति बनने के बावजूद इसे लागू करने में हो रही देरी को लेकर तो स्पष्ट कुछ नहीं कहा। यह जरूर कहा कि 19 प्रतिशत एमजीबी लागू करने से प्रबंधन के कंधों पर साढ़े छह हजार करोड़ रुपए का भार आएगा। इसकी स्वीकृति में थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन कोई बाधा नहीं है और न ही 19 फीसदी एमजीबी का मामला रूकने वाला है। कोयला मंत्री ने स्वयं इसे मंजूरी दी है।