वित्तमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में डिजिटल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान और फिनटेक जैसे कार्यों में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकार इन क्षेत्रों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है।
देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को देखते हुए बजट में प्रस्ताव किया गया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयों का गठन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले बजट में डिजिटल भुगतान इको सिस्टम के लिए वित्तीय सहायता की जो घोषणा की गई थी वह 2022-23 में भी जारी रहेगी।
इससे डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। 2022-23 में देश के सभी डेढ लाख डाकघरों में कोर-बैंकिंग सिस्टम चालू हो जाएगा जिससे वित्तीय समावेशन संभव हो सकेगा। नेट बैंकिंग के माध्यम से कोई व्यक्ति, कहीं भी अपना खाता देख सकेगा। मोबाइल बैंकिंग के साथ ए.टी.एम. की सुविधा भी होगी और डाकघर के खाते से बैंक खाते के बीच धन का ऑनलाइन अंतरण हो सकेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में 25 हजार से अधिक अनुपालन कम किए गए हैं और करीब डेढ हजार संघीय कानून समाप्त कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम सरकार, न्यूनतम शासन के प्रति वचनबद्धता की बदौलत जनता में हमारा विश्वास बढा है।
उन्होंने कहा कि अमृतकाल के दौरान ईज आफ डूइंग बिजनेस का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। नए चरण की दिशा, राज्यों की सक्रिय भागीदारी, मानव प्रक्रिया और हस्तक्षेप के डिजिटाइजेशन, आई.टी के माध्यम से केंद्र और राज्य स्तरीय व्यवस्था के संयोजन और नागरिक-केंद्रित सेवाओं के लिए सिंगल पाइंट एक्सेस और मानकीकरण से निर्धारित होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक संभावना है कि आधी से अधिक जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रह रही होगी। इस स्थिति के लिए तैयार रहने के उद्देश्य से सुव्यवस्थित शहरी विकास बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शहरी नियोजन के तरीकों में मौलिक बदलाव के लिए योजना पर बल दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि मेगा शहरों के पोषण के लिए आस-पास के क्षेत्रों को आर्थिक विकास केंद्र के रूप में मजबूत करना जरूरी है। श्रेणी दो और तीन के शहरों में भी विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है ताकि ये बाह्य कवच के रूप में तैयार हो सके। उन्होंने शहरी विकास में महिलाओं और युवकों के लिए अवसरों की उपलब्धता पर जोर दिया।
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वित्त मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन उपयोग में बदलाव को भी बढ़ावा देने की बात कही। इसके लिए स्वच्छ तकनीक, शून्य जीवाश्म इंधन नीति और विद्युत चालित वाहनों को अपनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए शहरी क्षेत्रों में स्थान की कमी पर विचार करते हुए बैट्री अदला-बदला नीति लाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए निजी क्षेत्र को व्यवसाय मॉडल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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