नई दिल्ली। शुक्रवार को CBI ने
कोल इंडिया की आनुषंगिक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) के चार पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पूर्व अधिकारियों के साथ ही अदानी पावर लिमिटेड, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, एसीसी और वेदांत लिमिटेड सहित 25 कंपनियों के विरूद्ध भी केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार मामला Fuel Supply Agreement (FSA’S) से जुड़ा है। बताया गया है कि एमसीएल के वित्त विभाग में पदस्थ रहे मुख्य प्रबंधक कबेरी मुखर्जी, वरिष्ठ प्रबंधक अनिल कुमार भौमिक, देबज्योति चक्रवर्ती और डिप्टी मैनेजर श्रीपल्ली वीरघंटा ने नियमों के विपरीत कोयला आपूर्ति के जरिये कंपनियों को लाभ पहुंचाया। कोयला आपूर्ति में कई गई अनिमितताओं के कारण एमसीएल को 97 करोड़ रुपये चपत लगी। प्रकरण वर्ष 2013 और 2017 के बीच का है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जिन कंपनियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया है इनमें एसीसी, अदानी पावर लिमिटेड, अदानी पावर महाराष्ट्र यूनिट -3, अदानी पावर महाराष्ट्र यूनिट -1, वेदांत, सेसा स्टरलाइट लिमिटेड (अब वेदांत), जेके पेपर लिमिटेड, जिंदल स्टील, इफको और इमामी बायोटेक लिमिटेड प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने आरसीएल कंपनियों के साथ ईंधन आपूर्ति समझौतों (एफएसए) के तहत रेल रेक के माध्यम से कंपनियों को कोयले की आपूर्ति से संबंधित मामले में एमसीएल को धोखा देने के इरादे से साजिश रची। आरोपी लोक सेवकों ने कथित तौर पर एफएसए के प्रावधानों और नियमों और शर्तों का पालन किए बिना उक्त कंपनियों को कोयले की आपूर्ति की अनुमति देकर उनके आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया, एमसीएल के रिकॉर्ड को गलत बताया और आरोपी कोयला उपभोक्ताओं से उचित प्रदर्शन प्रोत्साहन और मुआवजे की वसूली नहीं की। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर एमसीएल को 97 करोड़ रुपये का अनुचित और गलत नुकसान पहुंचाया था।
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