नई दिल्ली। सीबीएसई दसवीं और बारहवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति की निगरानी में होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने बोर्ड परीक्षा में मिलने वाले एक-एक अंक को अहम बताते हुए सीबीएसई को विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश दिया है।
जस्टिस हीमा कोहली और आशा मेनन की पीठ ने एक छात्र की याचिका पर यह आदेश दिया। पीठ ने कहा, विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एक-एक अंक, यहां तक की अंक का अंश भी अहम है। पीठ ने यह आदेश तब दिया जब बोर्ड ने बताया कि याचिकाकर्ता अनिमेश के अर्थशास्त्र विषय की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के दौरान एक उत्तर में दो निरीक्षकों की अलग-अगल राय होने पर अंक नहीं बढ़ाए थे। बाद में विशेषज्ञ समिति ने उत्तर को सही पाया व तीन अंक बढ़ाकर 89 अंक देने की सिफारिश की। इसके बाद अदालत ने सीबीएसई से पूछा कि क्या भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कोई तंत्र है। पीठ ने कहा, सीबीएसई चार सप्ताह में इसके लिए समुचित कदम उठाए।
सीबीएसई पर सख्ती ’ उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह में विशेषज्ञ समिति बनाने को कहा ’ कहा, विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एक-एक अंक जरूरी