केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को सरकार जल्द ही बड़ी खुशखबरी देने वाली है. कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है. कर्मचारी अपने डीए में इजाफे का इंतजार कर रहे हैं. डीए और डीआर में ये बढ़ोतरी जनवरी 2023 से लेकर जून 2023 यानी पहली छमाही के लिए होगी. सरकार कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी का एरियर जोड़कर भुगतान कर सकती है. हालांकि, डीए में कितनी फीसदी का इजाफा होगा, इसको लेकर किसी भी तरह का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.
कितना बढ़ सकता है डीए ?
माना जा रहा है कि सरकार कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी तक का इजाफा कर सकती है. अगर इतनी बढ़ोतरी होती है, तो केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 38 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी पर पहुंच जाएगा. इस इजाफे के बाद कर्मचारियों की सैलरी में भी जोरदार इजाफा होगा. सरकार हर छह महीने पर कर्मचारियों के डीए में इजाफा करती है. महंगाई भत्ता (DA) सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा होता है.
लाखों कर्मचारियों को होगा फायदा
सरकार हर छह महीने में डीए में बदलाव करती है. महंगाई दर को देखते हुए केंद्र सरकार कर्मचारियों के डीए में इजाफा करती है. महंगाई जितनी अधिक होगी, डीए में बढ़ोतरी उतनी ही ज्यादा होती है. अगर सरकार महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी का फैसला लेती है, तो फिर इसका फायदा करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 63 लाख पेंशनर्स को होगा.
कितनी बढ़ेगी सैलरी ?
अगर सैलरी के हिसाब से देखें तो यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी का बेसिक पे 1,8000 रुपये है, तो 38 फीसदी के हिसाब से 6,840 रुपये का महंगाई भत्ता बनता है. वहीं अगर ये डीए 42 फीसदी हो जाता है तो कर्मचारी का डीए बढ़कर 7,560 रुपये हो जाएगा. अधिकतम बेसिक पे के हिसाब से देखा जाए, तो 56,000 रुपये के आधार पर महंगाई भत्ता 21, 280 रुपये बनता है. अब इसमें चार फीसदी की बढ़ोत्तरी के हिसाब से देखा जाए, तो ये उछलकर 23,520 रुपये हो जाएगा. ऐसे में मिनिमम बेसिक सैलरी वाले कर्मचारियों को हर महीने 720 रुपये और सालाना 8,640 रुपये का लाभ होगा.
पिछली बार इतना बढ़ा था डीए
केंद्र सरकार द्वारा डीए/ डीआर में सालाना जनवरी की शुरुआत से जुलाई महीने के अंत तक बढ़ोतरी करने का नियम रहा है. हालांकि, बीते कुछ वर्षों में इसमें देरी देखने को मिली है. पिछली छमाही में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी का इजाफा किया था. इसके बाद कर्मचारियों का डीए 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया था.