प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक वितरण योजना (पीडीएस) के माध्यम से वितरित अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों के लिए चीनी सब्सिडी की योजना को दो और वर्षों यानी 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने को अनुमति दे दी है।
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देश के नागरिकों की भलाई और देश के निर्धनतम लोगों की थाली में मिठास सुनिश्चित करने के प्रति केंद्र सरकार की अटूट प्रतिबद्धता के एक और संकेत के रूप में, यह योजना निर्धनतम लोगों तक चीनी की पहुंच सुगम बनाती है और उनके आहार में ऊर्जा को शामिल करती है, ताकि उनकी सेहत बेहतर हो सके। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार प्रतिभागी राज्यों के एएवाई परिवारों को चीनी पर प्रति माह प्रति किलोग्राम 18.50 रुपये की सब्सिडी देती है। इस अनुमति से 15वें वित्त आयोग (2020-21 से 2025-26) की अवधि के दौरान 1850 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलने की उम्मीद है। इस योजना से देश के लगभग 1.89 करोड़ एएवाई परिवारों को लाभ मिलने की संभावना है।
भारत सरकार पहले से ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन प्रदान कर रही है। पीएम-जीकेएवाई के अलावा भी नागरिकों की थाली में पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करने के उपाय के तौर पर किफायती और उचित कीमतों पर ‘भारत आटा’, ‘भारत दाल’ और टमाटर और प्याज की बिक्री की जाती है । अब तक लगभग 3 लाख टन भारत दाल (चना दाल) और लगभग 2.4 लाख टन भारत आटा पहले ही बेचा जा चुका है, जिससे आम उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इस प्रकार, सब्सिडी वाली दाल, आटा और चीनी की उपलब्धता ने भारत के आम नागरिक के लिए भोजन की पूर्ति कर दी है, जिससे ‘सबको भोजन, सबको पोषण’ की मोदी की गारंटी पूरी हो गई है।
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इस अनुमति के साथ, सरकार पीडीएस के माध्यम से एएवाई परिवारों को प्रति माह प्रति परिवार एक किलोग्राम की दर से चीनी वितरण के लिए प्रतिभागी राज्यों को सब्सिडी देना जारी रखेगी। चीनी की खरीद और वितरण की जिम्मेदारी राज्यों की है।