नई दिल्ली, 06 जून। केन्द्र सरकार भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) में अपनी 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। बताया गया है कि इसके लिए सरकार ने मुख्य प्रवर्तक वेदांता (Vedanta) से चल रहे मध्यस्थता मामले को वापस लेने के लिए कहा है।
कहा जा रहा है कि सरकार बालको के 49 फीसदी शेयर को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के जरिए बेचना चाहती है। इधर, बताया गया है कि DIPAM ((Department of Investment and Public Asset Management)) ने मध्यस्थता मामले को वापस लेने के लिए वेदांता के साथ प्रारंभिक चर्चा की है, जो कंपनी के स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग का मार्ग प्रशस्त करेगा।
यहां बताना होगा कि 2009 में बाल्को ने अवशिष्ट हिस्सेदारी के मूल्यांकन विवाद को लेकर सरकार के खिलाफ मध्यस्थता का मामला दायर किया था। हालांकि मध्यस्थता मामले को वापस लेने को लेकर दीपम और वेदांता के बीच शुरुआती चर्चा हो चुकी है, सूत्रों ने कहा कि अगर सरकार की बाकी हिस्सेदारी की बिक्री को आगे बढ़ाया जाना है, तो प्रमोटर से मामले को वापस लेने का अनुरोध करते हुए विस्तृत चर्चा होने की संभावना है।
केन्द्र की भाजपा सरकार ने विनिवेश नीति के तहत वर्ष 2001 में वेदांता लिमिटेड की सहायक कंपनी स्टरलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बालको के 51 प्रतिशत शेयर बेचे थे। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित है। संयंत्र की मौजूदा एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता 5.70 लाख टन सालाना है। कंपनी द्वारा एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 10 लाख टन से अधिक करने के लिए स्मेल्टर संयंत्र का विस्तार भी किया जा रहा है। कंपनी की मैनपाट व कबीरधाम जिले में बाक्साइट खदान भी है। एल्यूमिनियम संयंत्र परिसर में ही बालको का 540 मेगावाट एवं 1200 मेगावाट क्षमता वाला विद्युत संयंत्र भी प्रचालन में है।