रायपुर, 20 अप्रेल। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कई राज्यों में चंद दिनों का कोयला ही बचा हुआ है। देश में जो पावर प्लांट हैं उसके अलावा दूसरे जो प्लांट हैं उसमें कोयले की कटौती की गई है या फिर बंद कर दी गई है, जिसका ओद्योगिक गतिविधियों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।
श्री बघेल ने कहा कि देश के कोयले की कीमत 3,000-4,000 रुपए प्रति टन है जबकि विदेशों में 15,000-20,000 रुपए प्रति टन है, इससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और बिजली महंगी हो जाएगी। पिछला समय तो संभल गया था लेकिन अब जो स्थिति है वो बहुत भयावह होने वाली है।
इधर, देश में कोयले और बिजली की स्थिति को लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक ऐसी आशंका जताई गई थी कि एनटीपीसी को चलाने के लिए कई राज्यों में कोयले के भंडार की कमी की वजह से बिजली संकट पैदा हो सकता है, इसको लेकर कुछ राज्यों ने केंद्र को पत्र लिखा था। इसी के बाद यह बैठक हुई है।
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा रेल मंत्री, कैबिनेट सेक्रेटरी, नावेली लिग्नाईट कॉरपोरेशन के सीएमडी कोल डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे।
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