रायपुर, 16 जुलाई (IP News Desk) : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दवार नेता और मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा देते ही कयासों का दौर शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण सिंहदेव ने इसे छोड़ने का निर्णय लिया।
पंचायत मंत्री के पद से इस्ताफे ने कांग्रेस के भीतर चल रही आपसी उठापटक को भी सामने ला दिया है। भूपेश सरकार के ढाई साल के कार्यकाल के पूरा होते ही यह उठापटक शुरू हो गई थी। टीएस सिंहदेव इस बात को लेकर सक्रिय हो गए थे कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री का पद उन्हें सौंपा जाए।
कहा जा रहा था कि सरकार गठन के दौरान ढाई- ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का फार्मुला तय हुआ था। इसको लेकर नई दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के समक्ष टीएस सिंहदेव ने गुहार भी लगाई थी।
इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने में जुट गए थे। कई बैठकों के दौर के बाद हाईकमान ने स्पष्ट किया था कि ढाई- ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। तब से टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच खींचतान का दौर शुरू हुआ।
2021 में मानूसन सत्र के दौरान विधायक बृहस्पत सिंह के मामले को लेकर सिंहदेव ने सरकार का जवाब आने तक विधानसभा नहीं आने बात कही थी। रामानुजगंज के विधायक बृहस्पत सिंह ने बकायदा प्रेस वार्ता पर टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वे उन्हें जान से मारना चाहते हैं। इसको कांग्रेस और सरकार के अंदर लेकर काफी बवाल हुआ था। गृहमंत्री ने जब बयान दिया कि सिंहदेव पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं, तब कहीं टीएस सिंहदेव सदन में लौटे।
दिल्ली में हैं सक्रिय
यहां बताना होगा कि अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले सिंहदेव की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती है। छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस सरकार की वापसी में उनका अहम रोल रहा है। उन्होंने पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। वे कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में निरंतर रहते हैं। हाल ही उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है। बताया जा रहा है पिछले कुछ समय से दिल्ली में काफी सक्रिय हैं।
भाजपा ने ली चुटकी
टीएस सिंहदेव के इस्तीफ के बाद भाजपा ने चुटकी ली। छत्तीसगढ़ भाजपा की ओर से ट्वीट किया गया, टीएस सिंहदेव का पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा एक संकेत है कि भूपेश सरकार में असंतोष और अराजकता चरम पर है। लगता है कि अभी तो ये अंगड़ाई है, अभी बची मारपीट और लड़ाई है। त्रस्त है मंत्री, त्रस्त है जनता – सरकार है फेल… शर्म बाकी है तो इस्तीफा दो।
टीएस सिंहदेव द्वारा लिखा गया चार पन्नों का पत्र :
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