कोरबा, 20 अप्रेल। शनिवार को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (Chhattisgarh Environment Protection Board ), रायपुर की अध्यक्ष आर. संगीता ने कुसमुंडा ओ.सी. विस्तार परियोजना का दौरा किया। एसईसीएल निदेशक तकनीकी फ्रैंकलिन जयकुमार के साथ उन्होंने खदान के कार्यसंचालन के बारे में जाना।
इस दौरान कुसमुंडा टीम ने बताया कि किस तरह कुसमुंडा खदान छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में योगदान दे रही है और बीते वित्त वर्ष 23-24 में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन हासिल करने वाली देश की दूसरी खदान बनी है।
खदान में कोयला निकालने के लिए ब्लास्टिंग-रहित अत्याधुनिक तकनीक से लैस सरफेस माइनर का प्रयोग के बारे में बताया गया। साथ ही बताया गया कि तीसरे चरण के सी.एच.पी. के पूरा होने के बाद, 95 प्रतिशत कोयला निकासी मशीनीकृत साधनों – कवर्ड बेल्ट कन्वेयर और साइलो द्वारा रेक में स्वचालित लोडिंग द्वारा की जाएगी।
परियोजनाओं के डिजिटलीकरण के बारे में भी विस्तार से बताया गया जो इंडस्ट्री 4.0 के लिए एक प्रयास है। रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र, 5 इलेक्ट्रिक व्हीकल, ई.टी.पी.,सड़कों पर पानी का छिड़काव, डम्पर धुलाई जैसे औद्योगिक उद्देश्यों के लिए खदान के पानी का पुनः उपयोग जैसी हरित पहल की सराहना की गई।
अध्यक्ष को जानकारी दी गयी कि एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ विजन 2047 के लक्ष्य के अनुरूप समग्र अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की जा रही हैं। दौरे के दौरान अध्यक्ष द्वारा रीक्लेम्ड ओबी डम्प पर पौधरोपण भी किया गया।
दौरे के दौरान मुख्यालय से राजशेखर, महा. (यो/परि), कुसमुंडा क्षेत्र के महाप्रबन्धक, राजीव सिंह, स्टाफ ऑफिसर(यो/परि), कुसमुंडा क्षेत्र प्रकाश राय एवं अन्य अधिकारीगण साथ रहे।